फीचर डेस्क : शरद पूर्णिमा का पर्व हर वर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है, जिसके कारण इस तिथि का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में इसे माता लक्ष्मी के धरती पर आगमन का दिन माना जाता है, जब वह अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यह त्योहार विशेष रूप से बिहार, बंगाल और झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है।
शरद पूर्णिमा 2024 की तिथि
इस वर्ष शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन पूर्णिमा तिथि का आरंभ रात 08:41 बजे और समापन 17 अक्टूबर को शाम 04:53 बजे होगा।
शुभ मुहूर्त
चंद्रमा के नीचे खीर रखने का समय: रात 08:40 बजे
इस समय चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होगा, जिससे खीर में उसकी विशेषता समाहित होगी।
चंद्रोदय का समय
चंद्रोदय : 16 अक्टूबर 2024 को शाम 05:05 बजे
पूजा विधि
स्नान : सुबह गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
वस्त्र साफ और शुभ वस्त्र पहनें।
स्थापना : एक साफ चौकी पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
पूजा : विधिवत माता लक्ष्मी की पूजा करें और खीर का भोग अर्पित करें।
चंद्रमा की पूजा : शाम को चंद्रमा को जल अर्पित करें और खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखें।
प्रसाद : पूजा के बाद खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
शरद पूर्णिमा का महात्म्य
शरद पूर्णिमा का पर्व शास्त्रों में विशेष महात्म्य रखता है। मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है, इसलिए चांदनी रात में खीर रखने से उसमें अमृत का वास होता है। माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर के भंडार हमेशा भरे रहते हैं।
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