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Calcutta High Court order : मंदारमणि में ध्वस्त नहीं होंगे होटल व रिसोर्ट, हाईकोर्ट ने लगायी रोक

by Anand Mishra
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कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए मंदारमणि में 140 होटलों, रिसॉर्ट्स और लॉज को ध्यवस्त करने पर अंतरिम रोक लगा दिया है। यह आदेश पूर्व मेदिनीपुर जिले के जिलाधिकारी द्वारा 140 होटलों के विध्वंस के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन पर दिया गया था।

13 दिसंबर तक रोक, रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश

हाईकोर्ट की एकल पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा शामिल थीं, ने कहा कि यह रोक 13 दिसंबर 2024 तक प्रभावी रहेगी। अदालत ने जिलाधिकारी से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा, जो 10 दिसंबर तक अदालत में प्रस्तुत की जानी चाहिए। अगली सुनवाई इसी दिन होगी।

एनजीटी के आदेश और ध्वस्त करने की वजह

इससे पहले, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2022 में इन होटलों के ध्वस्त करने का आदेश दिया था। एनजीटी ने कहा था कि ये होटल तटीय क्षेत्र नियमन प्राधिकरण (CRZ) के नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाए गए थे। एनजीटी ने इन होटलों को ध्वस्त करने के लिए विगत 20 नवंबर का समय दिया गया था। इसके आधार पर जिलाधिकारी ने ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया था।

मुख्यमंत्री की नाराजगी और रोक

हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 नवंबर को होटलों को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह निर्णय उच्च अधिकारियों और मुख्य सचिव मनोज पंत से परामर्श किए बिना लिया गया था। ममता बनर्जी ने “बुलडोजर कल्चर” के खिलाफ अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ऐसी नीतियां नहीं चलने दी जाएंगी, जो अन्य राज्यों में देखने को मिल रही हैं।

होटल मालिकों ने कोर्ट में चुनौती दी

होटल, रिसॉर्ट और लॉज के मालिकों ने इस नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनके अनुसार, इस फैसले से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा और हजारों कर्मचारियों की नौकरियां चली जाएंगी। हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में सुनवाई करते हुए विध्वंस पर रोक लगा दी है।

तृणमूल कांग्रेस का बयान

तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले में वाममोर्चा सरकार को दोषी ठहराया। पार्टी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने निर्माण के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था, जिसके कारण ये होटल तटीय क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन करने में सक्षम हो गए। पार्टी का यह भी कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर होटलों के विध्वंस से न केवल मालिकों को भारी नुकसान होगा, बल्कि कई परिवारों का रोज़गार भी प्रभावित होगा।

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