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UPI फ्रॉड 85 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा, 6 महीने में 485 करोड़ रुपए की चोरी

कस्टमर के मोबाइल नंबर और डिवाइस के बीच डिवाइस बाइंडिंग, पिन और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन औऱ पेमेंट की डेली लिमिट सरीखे कदम उठाए गए है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्कः भारत में जिस रफ्तार से डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से पेमेंट में फ्रॉड का भी मामला तूल पकड़ रहा है। सबसे अधिक पेमेंट यूपीआई के माध्यम से की जाती है, तो सबसे अधिक फ्रॉड भी इसी के जरिए हो रही है। दरअशल लोग खाने के बिल से लेकर ट्रेन टिकट, राशन का सामान समेत कई चीजों के पेमेंट के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते है।

क्या कहते है आंकड़े

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि 2023 में देश में UPI फ्रॉड के मामले 85 फीसदी बढ़े है। 2022-23 में 8300 करोड़ से अधिक UPI ट्रांजेक्शन हुए, जिनमें करीब 140 लाख करोड़ रुपये का आदान-प्रदान हुआ और उस साल इनके फ्रॉड से जुड़े 7.25 लाख मामले सामने आए हैं।

वहीं 2023-24 के आंकड़ों पर नजर डालें तो 13 हजार 100 करोड़ से ज्यादा और करीब 200 लाख करोड़ रुपये के UPI ट्रांजेक्शन हुए। जिनमें फ्रॉड के मामलों की संख्या 13.4 लाख रही और कुल ठगी 1 हजार 87 करोड़ की हुई। इस साल यूपीआई फ्रॉड की संख्या 6.32 लाख रहीं, जिसमें 485 करोड़ की ठगी की गई।

सरकार की ओर से उठाए गए है निम्न कदम

वित्त राज्य मंत्री ने दावा किया कि साइबर ठगी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रयासरत है। मार्च 2020 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड इंफॉर्मेशन रजिस्ट्री शुरू की है। क्या है यह, यह पेमेंट से जुड़ी फ्रॉड की जानकारी देने वाला वेब आधारित रजिस्ट्री है। इसके तहत सभी रेगुलेटेड इकाइयों को पेमेंट से संबंधित जानकारी देनी होती है।

फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार, आरबीआई और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीएआई) ने समय-समय पर कई पहल की हैं। इनमें कस्टमर के मोबाइल नंबर और डिवाइस के बीच डिवाइस बाइंडिंग, पिन और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन औऱ पेमेंट की डेली लिमिट सरीखे कदम उठाए गए है।

कस्टमर को जागरूक करने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

इन सबके अलावा एनपीसीआई की ओर से एक फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम मुहैया कराया गया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए फ्रॉड रोकने का अलर्ट देती है। RBI और बैंक, शॉर्ट एसएमएस, रेडियो कैंपेन और पब्लिसिटी के जरिए साइबर क्राइम को लेकर जागरुकता अभियान भी चला रहे हैं। साथ ही गृह मंत्रालय ने एक नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर-1930 भी शुरू किया है। उन्होंने बताया कि कस्टमर फ्रॉड की शिकायत बैंक की शाखा और कस्यमर केयर वेबसाइट पर भी कर सकते है। इसके अलावा चक्षृ नाम की एक सुविधा भी शुरू की गई है।

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