रांची : झारखंड के पलामू जिले के एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस गंभीर मामले में राज्य सरकार पर तीव्र हमला किया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने इस घटना को प्रशासनिक विफलता करार देते हुए हेमंत सोरेन सरकार पर कठोर आरोप लगाए हैं।
बालिका गृह में सुरक्षा की जिम्मेदारी: भाजपा का आरोप
अजय साह ने कहा, “बालिका गृह में ऐसी बच्चियों को रखा जाता है जो पहले ही यौन अपराधों का शिकार हो चुकी होती हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य उन्हें एक सुरक्षित वातावरण देना होता है। लेकिन अगर वही स्थान अपराध का केंद्र बनता है, तो यह साफ है कि रक्षक ही भक्षक बन गए हैं।” उनका यह बयान राज्य सरकार की नीतियों और प्रशासन की कमजोरियों पर सवाल उठाता है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
BJP प्रवक्ता ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि बालिका गृह में बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा, “यह जानना जरूरी है कि ये अधिकारी कौन थे। इस मामले की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।” साह ने इस मामले को केवल एक सामान्य अपराध नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बताया।
राज्य सरकार की लापरवाही पर भाजपा का हमला
BJP ने झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने को भी सरकार की लापरवाही के रूप में पेश किया। अजय साह ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन साल पहले इस आयोग का गठन किया था, लेकिन पिछले एक साल से आयोग के अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है, जो राज्य की उदासीनता को दर्शाता है।
साह ने इस घटना की तुलना बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से की, जहां भी ऐसी ही अपराधों की रिपोर्ट सामने आई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा ने सरकार से अपील की है कि वह इस घटना की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित करे ताकि बच्चियों को न्याय मिल सके।
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