इंटरटेनमेंट डेस्कः फिल्मकार मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन’ में अपने गीतों के लिए जानी जाने वाली लोकप्रिय शास्त्रीय गायिका शिवश्री स्कंदप्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या के साथ अपनी शादी की चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर ली हैं।
हालांकि, अब तक दोनों पक्षों में से किसी ने भी इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। 1 अगस्त, 1996 को जन्मी, शिवश्री स्कंदप्रसाद, मृदंगम वादक सीरकाज़ी श्री जे स्कंदप्रसाद की बेटी हैं, जिनके संगीत ने ही शिवश्री के लिए संगीत की दुनिया से उनका पहला परिचय कराया।
शैक्षणिक डिग्रियां
चेन्नई की रहने वाली शिवश्री एक कन्नड़ सिंगर गायक और एक भरतनाट्यम कलाकार हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि वो एक ‘इमोशनल पेंटर’ हैं। शिवश्री स्कंदप्रसाद ने SASTRA यूनिवर्सिटी से बायो-इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की हैं और साथ ही उन्होंने ड्रग इंड्यूस्ड डेवलपमेंट और भ्रूण दोषों पर भी काम किया है। शिवश्री संस्कृत की छात्रा भी रह चुकी हैं और उन्होंने पीवीए आयुर्वेदिक अस्पताल से आयुर्वेदिक कॉस्मेटोलॉजी में डिप्लोमा भी किया है।
उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से भरतनाट्यम में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) की डिग्री भी हासिल की है। इसके अतिरिक्त, शिवश्री स्कंदप्रसाद ‘आहुति’ की संस्थापक और निदेशक भी हैं। आहुति, एक ऐसा मंच है- जिसका उद्देश्य ‘ई-प्रशिक्षण और कार्यक्रमों के माध्यम से मजबूत और दूरदर्शी युवा भारत’ का निर्माण करना है। उनका मंच 64 भारतीय कला रूपों को समर्पित है और यह अगली पीढ़ी को इन कला रूपों में पोषित करना और समृद्ध करने की योजना बना रहा है।
शिवश्री स्कंदप्रसाद गुरु एएस मुरली से शास्त्रीय कर्नाटक संगीत में प्रशिक्षित हैं। चेन्नई की प्रमुख सभाओं जैसे नरदगना सभा, ब्रह्म गण सभा आदि में प्रतिष्ठित संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने से लेकर गायन पर प्रमुख भरतनाट्यम कलाकारों के साथ जाने तक, सभी विधा में माहिर है शिवश्री।
शिवश्री और भरतनाट्यम
चेन्नई की गायिका कलाईममणि कृष्णकुमारी नरेंद्रन और आचार्य चूड़ामणि गुरु रोजा कन्नन के संरक्षण में 3 साल की उम्र से भरतनाट्यम भी सीख चुकी हैं। उन्होंने चेन्नई की प्रसिद्ध सभाओं में कई एकल प्रदर्शन दिए हैं, जिनमें संगीत अकादमी, नारद गण सभा, कृष्ण गण सभा और ब्रह्म गण सभा शामिल हैं।
पुरस्कार और प्रशंसा
2018 में, शिवश्री स्कंदप्रसाद को चिदंबरम श्री कनकसभापति ट्रस्ट द्वारा चिदंबरम नटराज स्वामी मंदिर के प्रकारों में लगभग 8,000 नर्तकियों द्वारा गायन, कोरियोग्राफिंग और भरतनाट्यम की पेशकश करने के लिए ‘भारत कला चूड़ामणि’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
2020 में, चेन्नई के एमओपी वैष्णव कॉलेज फॉर वूमेन ने शिवश्री को प्रदर्शन कला श्रेणी में ‘युवा सम्मान’ से सम्मानित किया।
2021 में, शिवश्री स्कंदप्रसाद ने हरिहरपुत्र समाज के मुंबई के शंकरालय संस्थान से भक्ति गण कोकिला का खिताब जीता और 2022 में, चेन्नई के भरत कलाचर ने उन्हें ‘युवा कला भारती’ से सम्मानित किया।
शिवश्री को पहली बार जनवरी 2024 में बड़ी पहचान मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्नड़ राम भजन ‘पूजिसालेंदे हुगाला थांडे’ के गायन के लिए उनकी सराहना की। कन्नड़ में शिवश्री स्कंदप्रसाद द्वारा यह गायन प्रभु के प्रति भक्ति की भावना को खूबसूरती से उजागर करता है।