नई दिल्ली : सोमवार को भाजपा ने दावा किया कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के Flagstaff रोड स्थित पुराने आवास को लेकर 139 सवाल उठाए हैं और उनके “काले deeds” का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘शीश महल’ पर खर्च 33.86 करोड़ रुपये दिखाया गया था, लेकिन बीजेपी का कहना है कि असल खर्च इससे कहीं अधिक है।
बीजेपी ने केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि CAG की रिपोर्ट 2022 तक के खर्चों को लेकर थी, लेकिन 2023 और 2024 के खर्चों का खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि महल की असल कीमत 75-80 करोड़ रुपये हो सकती है, यदि बंगलो में मौजूद सामान की सूची को भी शामिल किया जाए। बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को तेज कर दिया है, खासकर 6, Flagstaff रोड स्थित बंगलो के पुनर्निर्माण को लेकर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कटाक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली की सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने के बजाय “शीश महल” बनाया।
अनधिकृत निर्माण और विभागीय घोटाले का आरोप
वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि इस बंगलो का पुनर्निर्माण दिल्ली शहरी कला आयोग और नगर निगम से बिना अनुमति के किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि एक मुख्यमंत्री ने दिल्ली को क्या संदेश दिया जब उन्होंने इस बंगलो को अनधिकृत तरीके से बनाया। सचदेवा ने कहा कि अगर बंगलो की असल कीमत का पता लगाना है तो सार्वजनिक निर्माण और अन्य विभागों के खातों की जांच करनी होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बंगलो के निर्माण में सरकार के एजेंसी के रूप में काम करने की बजाय इसे एक “निजी संगठन” के रूप में संचालित किया, जिसका उद्देश्य केवल केजरीवाल को खुश करना था। इस रिपोर्ट और आरोपों ने दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद पैदा कर दिया है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों में एक और मुद्दा जुड़ सकता है।
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