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Lampas PACS : राज्य में 2949 लैम्पस-पैक्स होंगे कम्यूटराइज्ड

Lampas PACS उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग को ऐसे प्रस्तावों पर कार्य करना चाहिए, जो राज्य के इको सिस्टम के अनुरूप हों और उसके विकास में सहायक साबित हों।

by Mujtaba Haider Rizvi
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रांची : झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सहकारिता क्षेत्र में ऐसे कदम उठाए जाएं, जो राज्यहित में हों और राज्य के संसाधनों के अधिकतम उपयोग से जुड़ी हों। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सहकारिता की योजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए, जो राज्य के विकास में सहायक हों और बाद में कोई वित्तीय बोझ न बनें।
सोमवार को आयोजित राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सहकारिता के विकास कार्यों में उन जिलों में प्राथमिकता दी जाए, जहां की स्थितियां सुधरी हुई हैं, और जहां सहकारिता बैंक की शाखाएं खोली जाएं, वहां पहले बैंक की स्थिति को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग को ऐसे प्रस्तावों पर कार्य करना चाहिए, जो राज्य के इको सिस्टम के अनुरूप हों और उसके विकास में सहायक साबित हों।

सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण

बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में 1500 चयनित लैम्पस और पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां) में से 1270 समितियां कंप्यूटरीकृत हो चुकी हैं और ऑनलाइन हो गई हैं। शेष 230 समितियों को 31 मार्च 2025 तक कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने शेष 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। कंप्यूटरीकृत समितियों को प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे इन समितियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्य करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए इन समितियों को झारसेवा लॉगिन आईडी दी जाएगी।

धान की खरीद और सहकारी समितियों का विकास

बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक 724 धान अधिप्राप्ति केंद्रों से 13 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। 25 जनवरी 2025 तक इस कार्य की गति तेज की जा रही है और शेष 75 क्रय केंद्रों को कार्यशील बना दिया गया है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 100 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों का निबंधन करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 65 समितियों का निबंधन हो चुका है और 37 समितियों के निबंधन प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में हैं।

मत्स्य उत्पादन में वृद्धि

राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मछली उत्पादन का लक्ष्य तीन लाख टन था, जिसमें अब तक 2.57 लाख टन मछली उत्पादन हो चुका है। पिछले वर्ष 2022-23 में उत्पादन 2.80 लाख टन था। इसके अलावा, अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रत्येक जिले में विकसित किए गए सरोवरों में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के गठन के लिए सहकारिता और मत्स्य प्रभाग द्वारा समन्वय किया जा रहा है। इसके तहत, 2024-25 में 50 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समितियों का गठन किया जाना था, जिनमें से अब तक 33 समितियों का गठन हो चुका है।

नए विकास कार्यों पर विचार

बैठक में गोदाम निर्माण, लैम्पस-पैक्स को उपयुक्त स्थान पर कमरा उपलब्ध कराना, रसोई गैस वितरण, रिटेल पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने, जन औषधि केंद्रों की स्थापना, उर्वरक लाइसेंस की स्वीकृति, लैम्पस-पैक्स को पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित करने जैसे कई महत्वपूर्ण मसलों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, राज्य में एक नवनिर्मित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट के रूप में विकसित करने पर भी चर्चा हुई।

बैठक में यह अधिकारी रहे उपस्थित

इस महत्वपूर्ण बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीकी, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, निबंधक सहयोग समितियां सूरज कुमार और अन्य उच्च अधिकारियों ने भाग लिया और विभिन्न योजनाओं पर गहन चर्चा की। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अंत में सभी अधिकारियों से यह अपील की कि वे राज्यहित में काम करते हुए विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की दिशा में प्रयास करें और सुनिश्चित करें कि सहकारिता क्षेत्र के विकास कार्यों से राज्य के नागरिकों को लाभ पहुंचे।

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