सेंट्रल डेस्कः आज राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने संसद को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की सराहना की। हांला कि कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के बयान को लेकर बजट सत्र में विवाद खड़ा हो गया था। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके संसद संबोधन पर टिप्पणी करते हुए उन्हें “गरीब इंसान” कह दिया था।
सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन पर क्या कहा:
राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में बजट सत्र की शुरुआत पर संबोधन दिया था। जिसके बाद रिपोर्टर्स ने सोनिया गांधी से इस पर टिप्पणी करने को कहा। सोनिया गांधी ने कहा, “राष्ट्रपति जी अंत तक बहुत थकी हुई दिख रही थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, गरीब इंसान।”
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन पर क्या कहा:
भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया गांधी के बयान को “अपमानजनक टिप्पणी” करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज संसद में राष्ट्रपति जी का संबोधन हमारे देश के विकसित भारत की दिशा में एक सशक्त रूपरेखा था। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रयासों को उजागर किया और समग्र तथा भविष्यमुखी विकास के महत्व को रेखांकित किया।”
उन्होंने कहा, “उनका संबोधन एक ऐसे भारत के दृष्टिकोण को समाहित करता है, जहां युवाओं को उत्कृष्ट अवसर मिलें। इस संबोधन में हम जो लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं, उन्हें हासिल करने के लिए प्रेरणादायक रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया है, जो एकता और दृढ़ संकल्प की भावना के साथ है।”
एक संयुक्त सत्र में संसद को संबोधित करते हुए, मर्मू ने कहा कि दुनिया ने भारत की “शक्ति, नीति और इरादे” में विश्वास रखा है। इस संदर्भ में, उन्होंने विशेष रूप से क्वाड, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन और जी20 जैसे प्रमुख समूहों का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि “आज, भारत बड़े वैश्विक मंचों पर अपने हितों को दृढ़ता से प्रस्तुत करता है। जी20 शिखर सम्मेलन की सफल मेज़बानी और दिल्ली घोषणा इसके प्रमुख उदाहरण हैं।”
अपने संबोधन में मुर्मू ने कहा कि “तीसरे वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन, भारत-ASEAN शिखर सम्मेलन, और भारत-CARICOM शिखर सम्मेलन में, हमने वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों पर आवाज उठाई है।” बता दें कि कैरेबियन समुदाय (CARICOM) कैरेबियन क्षेत्र के 15 सदस्य राज्यों का एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य सदस्यों के बीच आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देना है। “हमने भविष्य के शिखर सम्मेलन में भारत का भविष्य के प्रति दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया है।”