साबरमती जेल (गुजरात): गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने फिर से अपने नियमित मौन व्रत की शुरुआत की है, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक, बिश्नोई 9 रातों का व्रत रखते हैं, जो इस बार 13 दिन लंबा होगा और 12 फरवरी को खत्म होगा, जो उनका जन्मदिन भी है। इस दौरान वह किसी से बात नहीं करते और इशारों के जरिए ही संवाद करते हैं।
गैंगस्टर का मौन व्रत और अपराध की आशंका
सूत्रों का कहना है कि जब-जब बिश्नोई मौन व्रत पर होते हैं, उनका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है। पिछले कुछ समय में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिनसे बिश्नोई के व्रत और गैंग की आपसी कड़ी की आशंका जताई जा रही है।
जेल में सख्त सुरक्षा
बिश्नोई को साबरमती जेल के विशेष सुरक्षा वाले ‘अंडा सेल’ में रखा गया है, जहां वह अकेले रहते हैं। इस बैरक में किसी भी कैदी से संवाद की बहुत कम संभावना रहती है, क्योंकि यह जेल का सबसे सुरक्षित क्षेत्र है और यहां सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत करने में परहेज करते हैं।
धार्मिकता में लीन
बिश्नोई का ध्यान इस समय धार्मिक कार्यों पर केंद्रित है, वह ध्यान और पाठ करते रहते हैं। वह अन्न ग्रहण करने से भी परहेज करते हैं और इस दौरान उनके द्वारा किए गए धार्मिक क्रियाकलापों को लेकर भी चर्चा होती है।
इस पूरे मामले में अधिकारियों की चिंता इस बात को लेकर है कि बिश्नोई के मौन व्रत के समय उसके गैंग द्वारा कोई बड़ी घटना घट सकती है। इसके बावजूद, उन्हें उच्च सुरक्षा में रखा गया है और उन्हें जेल से बाहर निकालने की अनुमति केवल केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी से ही मिल सकती है।