हाजीपुर : हाजीपुर के प्रसिद्ध चीनिया केले को जल्द ही भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिलने वाला है। नाबार्ड के अधिकारियों के अनुसार, जीआई टैग मिलने से न केवल इस केले की पहचान और मजबूत होगी, बल्कि इसकी बाजार में कीमत भी बढ़ेगी। इसके साथ ही, इस केले को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी और फर्जी ब्रांडिंग पर रोक लगेगी। इससे हाजीपुर के किसान अपने उत्पाद को बेहतर कीमत पर बेच पाएंगे।
चीनिया केले की विशेषताएं
हाजीपुर का चीनिया केला अपनी मिठास, स्वाद और ताजगी के लिए जाना जाता है। यह केला आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर होता है और इसकी लंबाई चार से पांच इंच होती है। यह अधिक गूदेदार और लंबे समय तक ताजा रहता है। हाजीपुर का यह केला फरवरी से नवंबर तक बाजार में रहता है। इसके पेड़ की सामान्य ऊंचाई 17 से 18 फीट तक होती है, और इसके पत्तों का इस्तेमाल जानवरों के चारे और भोज में किया जाता है।
चीनिया केला की खेती के प्रमुख क्षेत्र
हाजीपुर के बिदुपुर और राघोपुर प्रखंड में चीनिया केला की खेती सबसे अधिक होती है। पूरे वैशाली जिले में लगभग 100 हैक्टेयर भूमि पर केले का उत्पादन किया जाता है। हाजीपुर के केले को सिर्फ जिले में ही नहीं, बल्कि दूसरे जिलों और राज्यों में भी भेजा जाता है। लगभग 20 पंचायतों के किसान इस केले की खेती से जुड़े हुए हैं।
किसानों की उम्मीदें
केला किसान निर्दोष यादव ने बताया, “हाजीपुर के चीनिया केला को जीआई टैग मिलने से हमें बहुत खुशी होगी। इससे हमारे केले की पहचान दुनिया भर में बनेगी और हमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छा दाम मिलेगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।”
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