सेंट्रल डेस्क। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुने गए विधायकों के लिए उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में कार्यालय आवंटन प्रक्रिया की शुरुआत करने का निर्देश दिया है, ताकि जनसंपर्क में कोई देरी न हो और जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके।
चुनाव के बाद खाली किए गए थे कार्यालय
प्रोटोकॉल के अनुसार, पूर्व विधायकों को आवंटित किए गए निर्वाचन क्षेत्र कार्यालय 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद खाली कर दिए गए थे। अब जब नए विधायकों ने शपथ ग्रहण कर ली है, तो नए कार्यालय के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि विधायकों के विधानमंडल और निर्वाचन क्षेत्र संबंधित गतिविधियां सुचारु रूप से चल सकें। विधानसभा सचिवालय ने संबंधित विभागों को कार्यालय आवंटन प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया है, ताकि विधायकों की विशिष्ट आवश्यकताओं और अनुरोधों का ध्यान रखा जा सके।
जनता की सेवा सर्वोच्च प्राथमिकता- विजेंद्र गुप्ता
अध्यक्ष ने कहा कि हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनता की सेवा करने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र कार्यालय के विधायक और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु होते हैं, जो प्रत्यक्ष संवाद और समस्या समाधान की सुविधा प्रदान करते हैं। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं कि सभी विधायकों को समय पर उनके कार्यालय मिल सकें।
जनता से होगा संवाद, शिकायतों का होगा समाधान
गुप्ता ने यह भी कहा कि यह कदम अच्छा प्रशासन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन कार्यालयों के माध्यम से विधायक नागरिकों से सीधे संपर्क कर सकते हैं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान कर सकते हैं।
अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा- यह निर्णय दिल्ली के लोकतांत्रिक ढांचे को और अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ निर्वाचित प्रतिनिधियों को सशक्त बनाकर यह पहल न केवल उन्हें उनके कर्तव्यों को कुशलता से निभाने में मदद करेगी, बल्कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगी।
विधायकों को दी हिदायत, क्षेत्र से जुड़े रहें
गुप्ता ने यह भी कहा कि विधानसभा सचिवालय इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़े रह सकें और जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान कर सकें। यह कदम सार्वजनिक और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देने की उम्मीद जताता है, जिससे शहर के लोकतांत्रिक ताने-बाने को और मजबूत किया जा सके।