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Delhi News: दिल्ली में नकली फार्मेसी पंजीकरण रैकेट का भंडाफोड़, 47 गिरफ्तार

जांच में खुलासा हुआ कि कुलदीप सिंह ने 16 अगस्त, 2023 को पद छोड़ने के बाद भी अपने निजी ईमेल से पंजीकरण मंजूर करना जारी रखा। 25 सितंबर, 2023 को उनकी अंतिम निलंबन से पहले, उन्होंने अवैध रूप से 232 अतिरिक्त आवेदनों को मंजूरी दी।

by Anurag Ranjan
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नई दिल्ली : भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली में एक नकली फार्मेसी पंजीकरण रैकेट का पर्दाफाश किया और 47 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें दिल्ली फार्मेसी काउंसिल (डीपीसी) का एक पूर्व कर्मचारी भी शामिल है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एसीबी के बयान के अनुसार, आरोपियों ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी फार्मासिस्ट पंजीकरण को बढ़ावा दिया, जिससे अयोग्य लोग शहर में फार्मासिस्ट के रूप में काम कर सके। संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने बताया, “यह घोटाला डीपीसी के पूर्व रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह ने एक निजी फर्म के साथ मिलकर चलाया था, जिसे बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए नियुक्त किया गया था, जो निर्धारित नियमों का उल्लंघन था।”वर्मा ने कहा कि जांच में पता चला कि रिश्वत एक बिचौलिए संजय के जरिए ली जाती थी, जो डीपीसी अधिकारियों और विभिन्न डिप्लोमा कॉलेजों के बीच समन्वय करता था।

इस रैकेट के तहत आवेदकों ने नकली प्रमाणपत्र अपलोड किए, जिन्हें फार्मेसी संस्थानों के मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से सत्यापित किया गया। कुछ आवेदकों ने कई पंजीकरणों के लिए अलग-अलग दस्तावेज जमा किए, जिन्हें बिना जांच के मंजूरी दे दी गई। जाली ईमेल पतों से फर्जी सत्यापन मेल भी भेजे गए।

जांच में खुलासा हुआ कि कुलदीप सिंह ने 16 अगस्त, 2023 को पद छोड़ने के बाद भी अपने निजी ईमेल से पंजीकरण मंजूर करना जारी रखा। 25 सितंबर, 2023 को उनकी अंतिम निलंबन से पहले, उन्होंने अवैध रूप से 232 अतिरिक्त आवेदनों को मंजूरी दी। 17 मार्च, 2020 से 25 सितंबर, 2023 तक अपने कार्यकाल में उन्होंने कुल 4,928 फार्मासिस्ट पंजीकरण मंजूर किए।

एसीबी ने 47 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें छह दलाल, एक प्रिंटिंग दुकान मालिक, तीन फार्मेसी कॉलेज कर्मचारी और 35 अवैध फार्मासिस्ट या केमिस्ट शामिल हैं। दिल्ली के शाहबाद के एक प्रिंटिंग दुकान मालिक नीरज को नकली प्रमाणपत्रों का आपूर्तिकर्ता पाया गया। उसके कंप्यूटर के फोरेंसिक विश्लेषण से कई जाली दस्तावेजों के निर्माण का पता चला।

अधिकारी ने बताया, “एसीबी ने जाली प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, डिप्लोमा और दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल हुए कंप्यूटर सिस्टम जब्त किए हैं। जांचकर्ताओं को संदेह है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में केमिस्ट बिना उचित योग्यता के अवैध रूप से काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ ने हाई स्कूल भी पूरा नहीं किया।” उन्होंने कहा कि एक मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

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