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Jharkhand Police Negligence : मौत से जूझ रही पायल ने अपने प्रेमी, उसके परिवार और महिला थाना प्रभारी को ठहराया जिम्मेदार

रामगढ़ में एक युवती पायल सिंह ने आत्महत्या का प्रयास किया और अपने प्रेमी सुमित, उसके परिवार और महिला थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया। जानें इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी और पुलिस का रुख।

by Anand Mishra
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Ramgarh (Jharkhand) : एक हृदयविदारक घटनाक्रम में, रामगढ़ की 23 वर्षीय पायल सिंह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं। हाल ही में सामने आए उनके वीडियो बयान ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है। इस वीडियो में पायल ने अपनी आत्महत्या के प्रयास के लिए किसी और को नहीं, बल्कि अपने प्रेमी सुमित, उसके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। अस्पताल के बिस्तर से रिकॉर्ड किए गए इस सनसनीखेज बयान ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

पायल का दर्दनाक बयान: धोखे और निराशा की कहानी


वीडियो में पायल ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसका प्रेमी सुमित उसे घर छोड़ने रामगढ़ आया था। उसके जाने के बाद, दोनों के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया। इंसाफ की उम्मीद में 17 मार्च को वह रामगढ़ महिला थाने गई, लेकिन वहां उसे लगातार टालमटोल का सामना करना पड़ा। पायल के अनुसार, 25 मार्च को सुमित थाने आया और उसने झूठी शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने की बात को स्वीकार भी किया। लेकिन, उसने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब वह पायल को अपने साथ नहीं रखेगा।

पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन इसमें काफी समय बीत गया। पायल का आरोप है कि महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर ने उसकी कोई सहायता नहीं की। इसी निराशा और मानसिक तनाव के चलते वह डिप्रेशन में चली गई और अंततः आत्महत्या करने की कोशिश की। अपने मार्मिक बयान में पायल ने यह भी कहा कि यदि उसे कुछ भी होता है, तो इसके लिए सुमित, उसके परिजन और महिला थाना प्रभारी श्वेता मैडम ही जिम्मेदार होंगी।

मां ने भी लगाए गंभीर आरोप: पुलिस की लापरवाही उजागर


पायल की मां सुषमा सिंह ने भी महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मिली थीं। एसपी ने मामले में पहले दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने और यदि बात नहीं बनती है तो कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। हालांकि, सुषमा सिंह का कहना है कि महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर ने केवल सुमित के पिता को थाने बुलाया, जिनकी कोई जानकारी उन्हें नहीं दी गई। बाद में उन्हें फोन करके बताया गया कि सुमित के परिजन चार दिनों का समय मांग रहे हैं। इस मुद्दे पर सुषमा सिंह की महिला थाना प्रभारी के साथ तीखी बहस भी हुई थी।

सुषमा सिंह ने आगे बताया कि 16 अप्रैल को जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में भी उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। वहां मौजूद अधिकारियों ने भी महिला थाना प्रभारी को इस मामले को गंभीरता से लेने, त्वरित कार्रवाई करने और सुमित के परिवार वालों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया था, लेकिन अफसोस की बात है कि इस पर कोई अमल नहीं हुआ। 16 अप्रैल की शाम को ही महिला थाना प्रभारी ने पायल और उसकी मां को फोन करके घाटो में सुमित के घर जाने के लिए कहा। लेकिन, घाटो पहुंचने पर सुषमा और पायल को थाने में बैठा दिया गया, जबकि महिला थाना प्रभारी स्वयं सुमित के घर गईं और वापस आकर सुमित के पिता के फरार होने की अविश्वसनीय कहानी सुनाई।

एसपी का आश्वासन: न्याय की उम्मीद कायम


रामगढ़ के एसपी अजय कुमार ने इस पूरे मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है। रविवार को उन्होंने मीडिया को बताया कि यह पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब पीड़िता पहली बार उनके पास आई थी, तो उसने प्राथमिकी दर्ज करने की बात नहीं की थी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने अपनी ओर से पहल की। वर्तमान में, एसपी ने जोर देते हुए कहा कि पायल की जान बचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि पायल के परिजन रिम्स में हो रहे इलाज से संतुष्ट नहीं हैं, तो रांची के किसी निजी अस्पताल में भी उनका इलाज कराया जा सकता है। एसपी अजय कुमार ने पीड़िता के परिवार वालों को इस कठिन समय में ढांढस बंधाया है और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।

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