चाईबासा, झारखंड: चक्रधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत हाथिया गांव की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चाईबासा स्थित द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने पोक्सो (POCSO) एक्ट के तहत सुनवाई करते हुए तीनों को सश्रम कारावास की सजा और आर्थिक दंड से दंडित किया है।
दोषियों में उमेश गुईया उर्फ उमेश चंद्र गुईया (पिता- द्वारिका गुईया), सन्नी गुईया (पिता- स्व. शिवनाथ गुईया) और रमेश बोदरा (पिता- स्व. विनोद बोदरा) शामिल हैं।
सजा का विवरण:
- उमेश गुईया को 25 वर्ष का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना
- सन्नी गुईया और रमेश बोदरा को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास व 25-25 हजार रुपये जुर्माना
मामले की पृष्ठभूमि
जनवरी 2023 में तीनों आरोपियों ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी गई। बावजूद इसके, पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए अपने परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर चक्रधरपुर थाना में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त सबूत और गवाहों के आधार पर तीनों को दोषी सिद्ध किया।
अदालत की टिप्पणी
अदालत ने कहा कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध अक्षम्य हैं और ऐसे मामलों में कठोरतम सजा दी जानी चाहिए ताकि समाज में एक सख्त संदेश जाए।
यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया की संवेदनशीलता और पोक्सो कानून की प्रासंगिकता का प्रतीक है।