बोरियो (साहिबगंज): साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुर्गाटोला पंचायत के आसनबोना गांव में बच्चा चोर की अफवाह में एक निर्दोष युवक की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मृतक की पहचान बिहार के भागलपुर जिला स्थित एकडारा गांव निवासी 32 वर्षीय रंजू उर्फ रंजन सोनी के रूप में हुई है। वह रोज़ी-रोटी के लिए मोतियों की माला बेचने घर से निकला था, लेकिन अफवाहों की आग में उसकी जान चली गई।
26 अप्रैल को निकला था घर से
रंजन सोनी 26 अप्रैल को अपने साथी दीपक साह के साथ मोतियों की माला बेचने निकला था। दीपक तो सुरक्षित लौट आया, लेकिन रंजन वापस नहीं लौटा। रंजन के नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की। जब रंजन के छोटे भाई राहुल कुमार को आसनबोना गांव में होने का सुराग मिला, तो वह वहां पहुंचे, लेकिन गांव के लोग चुप्पी साधे हुए थे।
बच्चों की सूचना से टूटी चुप्पी
जब परिजन दोबारा गांव पहुंचे, तो कुछ स्कूली बच्चों ने बताया कि उन्होंने रंजन को गांव में देखा था। इसके बाद राहुल कुमार ने बोरियो थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और तीन लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ में मामले की परतें खुलने लगीं और पुलिस 10 आरोपियों तक पहुंच गई।
जंगल से मिली रंजन की लाश
पुलिस की सख्ती के बाद आरोपियों ने कबूल किया कि रंजन को बच्चा चोर समझकर मार दिया गया था। आरोपियों की निशानदेही पर गांव के बाहर स्थित घने जंगल से रंजन का सड़ा-गला शव बरामद किया गया। शव को हाथ-पैर बांधकर दफनाया गया था। शव की हालत देखकर पुलिस भी सन्न रह गई।
रोटी के लिए निकला, लेकिन लौटी लाश
रंजन तीन बच्चों का पिता था और घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। बड़े भाई जयनारायण सोनी ने बताया कि रंजन गांव-गांव माला बेचकर अपने परिवार का पेट पालता था। लेकिन एक झूठी अफवाह ने सब कुछ खत्म कर दिया। रंजन की बेरहमी से की गई हत्या ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
थाना प्रभारी पंकज वर्मा ने बताया कि मृतक के भाई राहुल कुमार के लिखित आवेदन पर थाना कांड संख्या 34/25 के तहत 10 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपी फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
पदाधिकारियों की अपील
मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार कुशवाहा ने कहा, “बच्चा चोरी या किडनी चोरी जैसी झूठी अफवाहें समाज के लिए ज़हर हैं। किसी अजनबी को देखकर सीधे हमला करने की बजाय, पुलिस को सूचना दें। कानून को अपने हाथ में लेना गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
यह घटना न केवल अफवाहों के खतरे को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जागरूकता की कमी किस तरह एक निर्दोष की जान ले सकती है।
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