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India monsoon 2025 forecast : इस बार समय से पहले बरसात, जून के पहले सप्ताह से प्री-मानसून बारिश की संभावना

इस बार मानसून जून के बजाय मई महीने में ही भारतीय मुख्य भूमि पर पहुंचने की राह पर है, जो कि एक सुखद खबर है।

by Reeta Rai Sagar
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Central Desk: तपती गर्मी और लू के थपेड़ों से बेहाल लोगों के लिए आखिरकार राहत की खबर आने वाली है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमानों के अनुसार, इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से पहले ही भारत में दस्तक देने के लिए तैयार है। मौसम विभाग के संकेतों की मानें तो जून के पहले हफ्ते से ही देश के कई हिस्सों में प्री-मानसून की बौछारें शुरू हो जाएंगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।

अंडमान-निकोबार में अगले हफ्ते दस्तक देगा मानसून

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसून की बारिश अगले हफ्ते यानी 13 मई तक शुरू होने की प्रबल संभावना है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार मानसून जून के बजाय मई महीने में ही भारतीय मुख्य भूमि पर पहुंचने की राह पर है, जो कि एक सुखद खबर है।

केरल में 27 मई को देगा दस्तक

भारतीय मौसम विभाग (IMD) की नवीनतम अपडेट रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मानसून अपने सामान्य आगमन के समय से लगभग चार दिन पहले पहुंचने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने शनिवार को जारी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल के तट पर पहुंचेगा। सामान्य तौर पर, मानसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है।

16 साल बाद सबसे जल्दी आगमन

मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो यदि मानसून 27 मई को केरल पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत में दस्तक देगा। उल्लेखनीय है कि 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था, जो कि अब तक के सबसे जल्दी आगमन में से एक है। आमतौर पर, 1 जून को केरल पहुंचने के बाद मानसून लगभग 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।

झारखंड और बिहार में कब पहुंचेगा मानसून?

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, झारखंड और बिहार के लोगों को मानसून के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। इन राज्यों में मानसून के 15 से 20 जून के बीच पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इससे पहले इन राज्यों में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिल सकेगी।

भारतीय कृषि के लिए जीवनदायिनी

भारत में साल भर होने वाली कुल बारिश का लगभग 70% हिस्सा मानसून के दौरान ही बरसता है। देश के 70% से 80% किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए मुख्य रूप से मानसून की बारिश पर ही निर्भर हैं। ऐसे में, मानसून का समय पर आना कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पिछले वर्षों के दौरान मानसून का आगमन

पिछले कुछ वर्षों के मानसून के आगमन की तारीखों पर नजर डालें तो, पिछले साल यानी 2024 में मानसून ने 30 मई को केरल में दस्तक दी थी। हालांकि, इसके बाद भी कई दिनों तक इसकी प्रगति धीमी रही थी। 2023 में मानसून 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को दक्षिण भारत में पहुंचा था। मानसून के इतिहास में सबसे पहले 1918 में 11 मई को और सबसे देरी से 1972 में 18 जून को मानसून ने भारत में प्रवेश किया था। इस बार, पहले आगमन की संभावना किसानों और आम जनता दोनों के लिए एक बड़ी राहत की खबर लेकर आई है।

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