Home » India-US trade relation: डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल को भारत में प्रोडक्शन से क्यों रोका

India-US trade relation: डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल को भारत में प्रोडक्शन से क्यों रोका

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि भारत ने अमेरिका को एक व्यापार समझौते की पेशकश की है, जिसमें अमेरिकी वस्तुओं पर 'शून्य शुल्क' लगाने की बात की गई है।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर में एक व्यापारिक सम्मेलन के दौरान एप्पल के सीईओ टिम कुक से मुलाकात की और उन्हें भारत में उत्पादन बढ़ाने से रोकते हुए कहा कि “भारत खुद को संभाल सकता है, वे बहुत अच्छा कर रहे हैं।” ट्रंप ने यह भी कहा कि एप्पल अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा।

भारत ने अमेरिका को पेश किया ‘शून्य शुल्क’ व्यापार समझौता
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि भारत ने अमेरिका को एक व्यापार समझौते की पेशकश की है, जिसमें अमेरिकी वस्तुओं पर ‘शून्य शुल्क’ लगाने की बात की गई है। हालांकि, ट्रंप ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया, यह संकेत देता है कि भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार है।

भारत में एप्पल का उत्पादन: एक नई दिशा
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण एप्पल ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। वर्तमान में, एप्पल भारत में अपने अधिकांश आईफोन का उत्पादन कर रहा है, और रिपोर्ट्स के अनुसार, 2026 तक अमेरिकी बाजार के लिए सभी आईफोन उत्पादन को भारत में स्थानांतरित करने की योजना है। फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे साझेदारों के साथ, एप्पल ने भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ाई है।

भारत में आईफोन उत्पादन में वृद्धि: संभावनाएं और चुनौतियां
विश्लेषकों के अनुसार, यदि ट्रंप अपने प्रस्तावित 60-100% शुल्क को लागू करते हैं, तो एप्पल भारत में अपने आईफोन उत्पादन को दोगुना कर सकता है, जिससे उत्पादन मूल्य $30 बिलियन वार्षिक तक पहुंच सकता है। यह कदम 200,000 नई नौकरियों का सृजन कर सकता है और भारत को वैश्विक आईफोन उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान दिला सकता है।

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में बदलाव एप्पल की उत्पादन रणनीतियों को प्रभावित कर रहे हैं। भारत में उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एप्पल के कदम अमेरिकी नीतियों और शुल्क संरचनाओं पर निर्भर करेंगे। यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौतों और नीतिगत परिवर्तनों का एप्पल की रणनीतियों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Related Articles