सेंट्रल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दो दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से शुरू हो गई है। इस बैठक के नतीजे 6 जून को घोषित किए जाएंगे। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, इस बार रेपो रेट में 0.50 फीसदी (50 बेसिस प्वाइंट) तक की कटौती की संभावना जताई गई है। यह कटौती अगर होती है, तो इसका सीधा लाभ होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा, क्योंकि इससे उनकी मासिक EMI घटेगी।
रेपो रेट में संभावित कटौती से क्या होंगे प्रभाव
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है। बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें काफी हद तक इसी पर आधारित होती हैं। यदि रेपो रेट में 0.50% की कटौती होती है, तो इसका असर इन क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है:
-होम लोन EMI में कमी
-कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते
-उद्योगों के लिए कर्ज सस्ता
-शहरी खपत में वृद्धि
-फैक्ट्री निवेश और रोजगार में इजाफा
6 जून 2025 को होगी रेपो रेट कटौती की घोषणा
RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 जून से 6 जून 2025 तक मुंबई में आयोजित हो रही है। 6 जून को रेपो रेट में कटौती की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। SBI की रिपोर्ट ‘MPC मीटिंग का परिचय – जून 2025’ के अनुसार, 0.50% की कटौती की प्रबल संभावना है।
EMI कम होने से उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा लाभ
रेपो रेट में कटौती से EMI घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं की वित्तीय लचीलापन (financial flexibility) बढ़ेगी। इसके अलावा, नई खरीदारी के लिए उत्साह भी बढ़ेगा, खासकर रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में। यह आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और अनिश्चितता के दौर में स्थिरता लाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है।