पलामू : झारखंड में अनुसूचित जाति आयोग और अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद के गठन को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। रविवार को पलामू से भाजपा सांसद विष्णु दयाल राम ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झामुमो और कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
झामुमो और कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर : विष्णु दयाल राम
सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि झारखंड में अनुसूचित जाति आयोग अस्तित्व में ही नहीं है, यह एक मंत्री को पत्र लिखकर याद दिलाना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सब सिर्फ दिखावा और बयानबाजी है।
अनुसूचित जाति आयोग के गठन पर उठे सवाल
उन्होंने बताया कि राज्य में जब रघुवर दास सरकार थी, तब आयोग का गठन किया गया था और शिवधारी राम को अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन, उनके कार्यकाल के बाद से आयोग की स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 17 वर्षों तक अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद की फाइल को जान-बूझकर दबाकर रखा गया।
भाजपा शासित राज्यों में आयोग सक्रिय : सांसद
पलामू के सांसद ने कहा कि जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां अनुसूचित जाति आयोग सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने झारखंड की मौजूदा सरकार पर आयोग के गठन में असफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की सरकार ने अनुसूचित जातियों के अधिकारों की अनदेखी की है।
केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र : स्टैंड-अप इंडिया योजना की सराहना
सांसद ने केंद्र सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। विशेष रूप से स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण दिए जा रहे हैं, ताकि वे व्यवसाय स्थापित कर सकें।