अधिकारियों की अनुपस्थिति और प्रशासन की लापरवाही से लोगों में बढ़ रहा असंतोष
Dhanbad: धनबाद में आदिवासियों के उत्थान के लिए शुरू किया गया ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ प्रशासन की लापरवाही और अधिकारियों की गैरमौजूदगी के चलते सवालों के घेरे में है। यह अभियान आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने और गांवों के समग्र विकास के लिए संचालित किया गया है, मगर इसके क्रियान्वयन में प्रशासनिक ढिलाई लोगों में नाराज़गी का सबब बन रही है।
तिलैया और बलीचो में लगे शिविर में अधिकारी रहे नदारद
बरवड्डा के सुदूरवर्ती इलाके तिलैया और बलीचो पंचायत में ‘धरती आबा अभियान’ के तहत विशेष शिविर आयोजित किए गए थे। प्रशासन के अनुरोध पर आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोग अपने काम-धंधे छोड़कर शिविर में पहुंचे, लेकिन अधिकारियों की अनुपस्थिति में सभी को खाली हाथ लौटना पड़ा। इससे आदिवासियों में गहरी निराशा फैल गई है।
उपायुक्त आदित्य रंजन बोले- जांच के दिए आदेश
मामले का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि अधिकारियों की अनुपस्थिति बेहद गंभीर मामला है और इसकी जांच कराई जा रही है। लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने का है उद्देश्य
एक ग्रामीण का कहना है कि सरकार चाहती है कि आदिवासी नागरिक हर दृष्टिकोण से समृद्ध हों और मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित हों। इसी उद्देश्य से उन गांवों का विशेष चयन किया गया है, जहां लगभग 100 फीसदी आदिवासी रहते हैं, ताकि मूलभूत सुविधाएं उन तक सहजता से पहुंच सके।
सांसद ढुलु महतो का प्रशासन और राज्य सरकार पर सीधा हमला
मामले में सांसद ढुलु महतो ने राज्य सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार आदिवासियों के विकास के लिए फंड दे रही है, यह पैसा लूटने के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने के लिए है। हमें यह सोचने और समझने की आवश्यकता है कि इस फंड का उपयोग किस प्रकार किया जाए, ताकि आदिवासियों तक विकास की रौशनी पहुंचे। राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि राज्य में अगर जिम्मेदारी निभाने वाला कोई नहीं होगा तो आदिवासियों का विकास मुश्किल है।”