जमशेदपुर : एक्सएलआरआई-जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने अपनी आंतरिक शिकायत समिति (आइसीसी ) के तत्वावधान में फैकल्टी और स्टाफ के लिए जेंडर सेंसिटाइजेशन एवं पीओएसएच (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम) जागरूकता सत्र किया। एक समावेशी, सुरक्षित और सशक्त शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुई कार्यशाला में 146 ने हिस्सा लिया।
पीओएसएच एक्ट पर प्रोफेसर आयातक्षी का जागरूकता सत्र
कार्यक्रम का नेतृत्व आइसीसी की संयोजक और पीओएसएच एक्ट 2013 की प्रमाणित ट्रेनर प्रोफेसर आयातक्षी सरकार ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को पीओएसएच कानून की मूल अवधारणाओं, संस्थागत दायित्वों और नैतिक जिम्मेदारियों से अवगत कराया। इस दौरान आइसीसी की कानूनी जिम्मेदारियां और उसकी संरचना, शिकायतों के निपटारे में गोपनीयता और उचित प्रक्रिया, झूठी शिकायतों को लेकर फैली भ्रांतियां और साक्ष्यों की भूमिका के साथ ही एक अच्छे आदर्श माहौल के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों की भूमिका पर बल दिया गया।

यौन उत्पीड़न की बदलती परिभाषा
इसके साथ ही बताया गया कि आज के दौर में यौन उत्पीड़न की परिभाषा बदल गई है। ऑफलाइन के साथ ही आज ऑनलाइन तरीके से भी यौन उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसा होने पर किस प्रकार से शिकायतें की जा सकती हैं। इससे जुड़ी जानकारी भी दी गईं। प्रो. सरकार ने कहा कि पीओएसएच का अनुपालन केवल एक कानूनी आवश्यकता नहीं, बल्कि यह सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है. संस्थान के प्रत्येक सदस्य की भूमिका एक सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण को आकार देने में अहम होती है।
गरिमा और सम्मान पर जोर
सत्र के अंत में एक खुला प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं व उनके प्रश्नों का जवाब दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस सत्र से पूर्व एक्सएलआरआई में अध्ययनरत विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों के लिए भी इसी विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि संस्थान केवल शिक्षाविदों तक सीमित नहीं, बल्कि विद्यार्थियों से लेकर संपूर्ण कार्यबल तक, सभी के लिए गरिमा और पारस्परिक सम्मान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।