नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
FY2024-25 में CIL ने 781.07 मिलियन टन (MT) का अस्थायी उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष के 773.81 MT से थोड़ा अधिक है। कंपनी अब FY2025-26 में 875 MT और अगले साल 1 अरब टन का आंकड़ा पार करने की योजना पर काम कर रही है। FY2030 तक उत्पादन बढ़ाकर 1,131 MT तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
2030 तक घरेलू कोयला उत्पादन पहुंचेगा 1.5 अरब टन
देश में कुल कोयला उत्पादन FY2025 में 1,047.67 MT तक पहुंच गया, जो FY2024 के 997.83 MT से 4.99% की वृद्धि को दर्शाता है। सरकार का अनुमान है कि कोयला उत्पादन हर साल 6-7% की दर से बढ़ेगा और FY2029-30 तक यह 1.5 अरब टन तक पहुंच सकता है।
सरकार का मुख्य फोकस देश की कोयला आवश्यकताओं को घरेलू उत्पादन से पूरा करना है। केवल कोकिंग कोल और उच्च ग्रेड नॉन-कोकिंग कोल जैसे जरूरी आयात ही सीमित रूप से किए जाएंगे, क्योंकि इनकी घरेलू उपलब्धता कम है।
तकनीक और उत्पादकता से आगे बढ़ेगा कोयला क्षेत्र
मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि कोल इंडिया आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उत्पादन बढ़ा रही है। खासकर अंडरग्राउंड माइंस में कंटीन्युअस माइनर्स, हाईवॉल तकनीक, और बड़े क्षमता वाले भूमिगत संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, ओपनकास्ट माइंस में भी एडवांस्ड मशीनों का उपयोग कर सुरक्षा और उत्पादकता को प्राथमिकता दी जा रही है।
स्टील सेक्टर के लिए ‘कोकिंग कोल मिशन’
कोयला मंत्रालय ने Coking Coal Mission शुरू किया है ताकि स्टील उद्योग की आवश्यकताओं को घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सके और आयात पर निर्भरता कम हो। साथ ही, बिजली संयंत्रों के लिए Annual Contracted Quantity (ACQ) में भी वृद्धि की जा रही है।
एक Import Monitoring System भी लागू किया गया है जिससे गैर-जरूरी कोयले के आयात पर नजर रखी जा सके और उन्हें घटाया जा सके।
कोल इंडिया लिमिटेड: देश की ऊर्जा रीढ़
Coal India Limited (CIL) एक ‘महानवratna’ सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई है जो कोयला मंत्रालय के अधीन कार्यरत है। यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और भारत के कुल कोयला उत्पादन में 80% से अधिक योगदान देती है। CIL देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही है और सतत एवं तकनीकी रूप से उन्नत खनन के जरिए बढ़ती मांग को पूरा कर रही है।
कोल इंडिया लिमिटेड का यह महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य न केवल भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा बल्कि तकनीक, सुरक्षा और दक्षता के स्तर पर कोयला उद्योग में नया कीर्तिमान भी स्थापित करेगा।
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