रांची : सूर्यदेव के तल्ख तेवर से पूरे राज्य की धरती तप रही है। लोगों का बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। वहीं मानसून की लेटलतीफी ने आमजनों के साथ साथ किसानों की आफत भी बढ़ा दी है। राज्यवासियों को मानसून की फुहारों के लिए 18 से 20 जून तक का इंतजार करना होगा। यद्यपि शनिवार को रांची में दो तरह के मौसम से आमजन रुबरु हुए। कडरु, धुर्वा और कांटाटोली इलाके में वर्षा हुई तो कोकर, बूटी मोड़ समेत आसपास के इलाके में लोगों को तेज धूप का सामना करना पड़ा। बता दें कि केरल, दक्षिण तमिलनाडु, कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य एवं उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों की ओर मानसून बढ़ रहा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए झारखंड में मानसून के 18 से 20 जून तक पहुंचने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची की माने तो अधिकांश जगहों पर हीटवेव का असर देखा जा रहा है। खासकर पलामू व आसपास के जिलों में तो तापमान 44 के आसपास पहुंच चुका है। वहीं राजधानी रांची का तापमान भी 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने को है। पिछले 24 घंटे के तापमान की बात करें तो सबसे अधिक अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री गोड्डा का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। वहीं राजधानी की बात करें तो अधिकतम 39.7 डिग्री जबकि न्यूनतम 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद की माने तो राज्य में अगले पांच दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। ऐसे में इस तपती गर्मी से बचकर रहने की सलाह दी गई है। वहीं राज्य के 9 जिलों का तापमान 40 के पार पहुंच चुका है जबकि मानसून 18 से 20 जून तक राज्य में प्रवेश करेगा। इसके बाद ही राहत के आसार हैं…। आमतौर पर मानसून झारखंड में 14 से 15 जून तक प्रवेश कर जाता है लेकिन इस बार 4 से 5 दिनों की देरी से प्रवेश करने की संभावना जताई जा रही है। इसका सीधा असर किसानी पर पड़ेगा। देरी से मानसून आने के चलते वर्षा सामान्य से कम होगी। पिछले वर्ष 2022 में भी 6 दिनों की देरी से 18 जून को मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था। मौसम विज्ञान केंद्र रांची की माने तो मानसून 18 से 20 जून तक राज्य में प्रवेश करेगा। बता दें कि झारखंड में 12 जून तक मानसून के प्रवेश करने की बात कही जा रही थी। मौसम विज्ञानी इस लेटलतीफी का बड़ा कारण मौसम परिवर्तन को बता रहे हैं…।
गर्मी से बचने का करना होगा उपाय
पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का कहना है कि हमें इस मौसम के प्रकोप से बचने के लिए खुद उपाय करना होगा। सुरक्षा के सभी उपाय अमल में लाने होंगे। घर में बने शीतल व मौसमी पेय पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करना होगा। ताकि हीटवेव के असर को कम किया जा सके। यही नहीं लगातार कम हो रही हरियाली को बढ़ाना होगा। पौधारोपण को बढ़ावा देना होगा। इस मुहिम में समाज के सभी तबकों को शामिल करना होगा। जलाशयों को बचाने के लिए सरकारी अभियान के साथ साथ आमजनों को भी आगे आना होगा। ताकि बादलों के संघनन की प्रक्रिया को पूरा करने में मदद मिल सके। आमतौर पर कृत्रिम तौर पर गर्मी के कारकों को जब तक कम नहीं किया जाएगा तब तक इसके प्रकोप का असर हमें झेलना ही होगा। जहां तक हो सके एसी व ग्रीन हाऊस उत्सर्जन के उपकरणों का इस्तेमाल कम करना होगा।
कुछ ऐसा रहेगा राज्य का तापमान और मौसम
11 जून : राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्सों में कहीं कहीं गर्जन के साथ हल्की वर्षा और तेज सतही हवा बहने की संभावना, कहीं कहीं हीटवेव काे ले येलो अलर्ट
12 जून : राज्य के पूर्वी व निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं कहीं गर्जन के साथ हल्की वर्षा की संभावना, 30 से 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से सतही हवा व कहीं कहीं हीटवेव को ले येलो अलर्ट
13 जून : राज्य के पूर्वी हिस्सों में कहीं कहीं गर्जन के साथ वर्षा की संभावना, राज्य के पश्चिमी, दक्षिणी व निकटवर्ती मध्य भागों में हीटवेव को ले येलो अलर्ट
14 जून : राज्य के पूर्वी हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना, कहीं कहीं गर्जन व वज्रपात के साथ साथ तेज सतही हवा को ले येलो अलर्ट
कुछ ऐसा रहेगा राजधानी का तापमान और मौसम
11 जून : दोपहर या शाम के समय आंशिक बादल एवं हीटवेव का रहेगा असर, अधिकतम 41 डिग्री जबकि न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस
12 जून : दोपहर या शाम के समय आंशिक बादल एवं हीटवेव का रहेगा असर, अधिकतम 40 डिग्री जबकि न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस
13 जून : दोपहर या शाम के समय आंशिक बादल एवं हीटवेव का रहेगा असर, अधिकतम 41 डिग्री जबकि न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस
14 जून : आंशिक बादल छाए रहेंगे, अधिकतम 40 डिग्री जबकि न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस।