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‘राणा के वंशज’ का भाला फिर निशाने पर : नीरज चोपड़ा ने देश को दिलाया एक और पदक, असफलता से शुरुआत के बाद लिखी सफलता की कहानी

by Rakesh Pandey
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खेल डेस्क, नई दिल्ली : डायमंड लीग श्रृंखला के लुसान चरण में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता का खिताब नीरज चोपड़ा ने जीत लिया है। उन्होंने 87.66 मीटर थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। 87.03 मीटर के साथ जर्मनी के जूलियन वीबर दूसरे स्थान पर रहे। चेक गणराज्य के याकूब वादलेज्चे 86.13 मीटर थ्रो के तीसरे स्थान पर रहे।

भारतीय जेवलिन स्टार नीरज का इस साल में यह दूसरा गोल्ड है। वे दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे। मांसपेशियों के खिचाव से उबरने के बाद उन्होंने यह कीर्तिमान रचा है। नीरज के अलावा भारतीय लॉन्ग जंपर मुरली श्रीशंकर ने भी डायमंड लीग में हिस्सा लिया। उन्होंने शुरुआती 5 कोशिशों में 7.75, 7.63, 7.88 और 7.59 और 7.66 मीटर की छलांग लगाई। हालांकि, वह कोई पदक नहीं जीत सके। मुरली पांचवें स्थान पर रहे।

कैसे हुई थी शुरुआत

मौजूदा मुकाबले में नीरज चोपड़ा की सफलता की हर असफल होने वाले व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी हो सकता है। नीरज ने पहले राउंड में फाउल के साथ शुरुआत की। वहीं, जर्मनी के जूलियन वेबर ने 86.20 मीटर थ्रो के साथ बढ़त बनाई। पहले दौर के अंत में, नीरज शीर्ष तीन एथलीटों में भी नहीं थे। इसके बाद दूसरे प्रयास में, नीरज ने 83.52 मीटर का थ्रो किया। हालांकि, दूसरे राउंड के अंत में जूलियन अभी भी बढ़त में रहे। बावजूद इसके नीरज की रैंकिंग में सुधार हुआ और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गए। तीसरे प्रयास में नीरज ने 85.02 मीटर का स्कोर किया।

इस थ्रो के साथ वह दूसरे नंबर पर पहुंच गये। हालांकि जूलियन ने तब भी 86.20 मीटर थ्रो के साथ बढ़त बना रखी थी। ऐसे में चौथे प्रयास में नीरज फाउल कर बैठे। पांचवें प्रयास में नीरज की ‘गोल्डन आर्म’ ने अपना जादू चलाया और 87.66 मीटर का थ्रो हासिल किया। इसके साथ ही वह पहले स्थान पर पहुंच गये। छठे और अंतिम प्रयास में, नीरज ने 84.15 मीटर का थ्रो हासिल किया।

कैसे चर्चा के केंद्र में आये नीरज, कविता से क्या है संबंध

इससे पहले नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद नीरज चोपड़ा की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर वाहिद अली वाहिद की पंक्तियां साझाा होने लगीं….. दोनों ओर लिखा हो भारत, सिक्का वही उछाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए….। यह कविता और नीरज को इतना शेयर किया गया कि कहीं न कहीं यह दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची बन गये।

फिर लगी होंगी नीरज पर निगाहें, कहां से है पदक की उम्मीद

नीरज पर एक बार फिर देश की निगाहें लगी होंगी। वह हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भी हिस्सा लेंगे। यह चैंपियनशिप 19 से 27 अगस्त तक होगी। नीरज ने 2022 यूजीन में हुए पिछले सीजन में रजत पदक जीता था। भारतीय टीम इस चैंपियनशिप के इतिहास में केवल दो पदक जीत सकी है, उनमें से एक नीरज के नाम है। उम्मीद की जा रही है कि नीरज का जलवा कायम रहेगा। वह फिर देश को पदक दिलायेंगे। नीरज से पहले 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने महिलाओं के लॉन्ग जम्प प्रतियोगित में भारत के लिए पहला मेडल जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने कांस्य पदक जीता था।

लगातार शीर्ष पर चल रहे नीरज

डायमंड लीग विजेता बनने वाले नीरज अपने खिताब की रक्षा के लिए आठ अंकों के साथ लीग में शीर्ष पर चल रहे हैं। वादलेज्चे के सात और पीटर्स के छह अंक हैं। लुसान के बाद मोनाको (21 जुलाई) और ज्यूरिख (31 अगस्त) में लीग होनी हैं, जहां जेवेलिन थ्रो शामिल है। लीग का फाइनल यूजीन (अमेरिका) में 16, 17 सितंबर को होगा। नीरज को लुसान में कड़ी टक्कर मिली। उनके सामने टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक रिपब्लिक के याकूब वादलेज्चे (सर्वश्रेष्ठ 90.88, सत्र का श्रेष्ठ 89.51 मीटर), विश्व चैंपियन ग्रेनाडा के एंडर्सन पीटर्स (सर्वश्रेष्ठ 93.07, सत्र का श्रेष्ठ 85.88 मीटर), फिनलैंड के ओलिवर हालेंडर (सर्वश्रेष्ठ 89.83, सत्र का श्रेष्ठ 87.32 मीटर), लंदन ओलंपिक विजेता त्रिनिदाद और टोबेगो के केशर्न वॉल्काट (सर्वश्रेष्ठ 90.16, सत्र का श्रेष्ठ 85.85 मीटर) यूरोपियन चैंपियन जर्मनी के जूलियन वीबर (सर्वश्रेष्ठ 89.54, सत्र का श्रेष्ठ 88.37 मीटर) थे।

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उपलब्धियों के नाम रहा है वर्ष

भारतीय जेवलिन स्टार नीरज का इस साल में यह दूसरा गोल्ड है। यह वर्ष उनके लिए उपलब्धियों भरा रहा है। वे दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे। वहीं, नीरज का यह 8वां इंटरनेशनल गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स, ओलिंपिक गेम्स और डायमंड लीग जैसे टूर्नामेंट में सोना जीता था। 25 वर्षीय नीरज ने पांच मई को दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण जीता था। उसके बाद उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया, जिसके चलते उन्हें चार जून को हुए फैनी ब्लैंकर्स कोएन गेम्स और 13 जून को हुए पावो नूरमी गेम्स से नाम वापस लेना पड़ा। 29 मई को उन्होंने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। अब पूरे एक माह बाद वह फिर कंपटीशन में उतरे थे। हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी डायमंड लीग में खेलने का मौका नहीं खोया। लीग के रबत, रोम, पेरिस और ओस्लो चरण में जेवेलिन थ्रो शामिल नहीं है।

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