भुवनेश्वर/ नयी दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने पाया है कि हादसे की मुख्य वजह गलत सिग्नलिंग थी। समिति ने इस मामले में सिग्नलिंग एवं दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में कई स्तरों पर चूक को रेखांकित किया है। साथ ही संकेत दिया कि यदि पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता, तो त्रासदी से बचा जा सकता था।
रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की ओर से रेलवे बोर्ड को सौंपी गयी स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद, यदि दुर्घटना स्थल बाहानगा बाजार के स्टेशन प्रबंधक ने एस एंड टी कर्मचारियों को दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के बार-बार असामान्य व्यवहार की सूचना दी होती, तो वे उपचारात्मक कदम उठा सकते थे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ को बदलने के कार्यों के लिए स्टेशन-विशिष्ट अनुमोदित सर्किट आरेख (डायग्राम) की आपूर्ति न करना एक गलत कदम था, जिसके कारण गलत वायरिंग हुई।
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रिपोर्ट के अनुसार फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग आरेख में बदलाव किया और इसे दोहराने में विफल रही। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बंकरनयाबाज़ स्टेशन पर भी ऐसी ही घटना हुई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, कि अगर इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाये गये होते, तो बाहानगा बाजार में दुर्घटना नहीं होती।
ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के निकट दो जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गयी थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।