जमशेदपुर : भगवान शिव का पावन महिना सावन की शुरूआत हो गई है। सभी जगह से लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए भगवान के मंदिरों में जा रहे है। जहाँ लंबी लंबी भीड़ लगी हुई है। सावन के दिनों में भगवान के दर्शन के साथ भक्तों को अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। इस महीने में शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए भोजन पर आवश्य ध्यान देना चाहिए। विशेष रूप से सावन में ताजा भोजन, शुद्ध सात्विक करना चाहिए।
आइये जानते है सावन क्या खाना वर्जित है
सावन का पावन महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है, ये सभी जानते है। इस महीने में लोगों को संभल कर भोजन करना चाहिये। ताकि शरीर स्वस्थ्य बना रहे। इस माह में क्या भोजन करे , क्या न करे , इसमें धार्मिक मान्यताओं और साइंटिफिक दोनों कारण होता है। धार्मिक नजरिए से सावन के महीने में खानपान को लेकर काफी सारे नियम बनाये गए है। क्योंकि सावन में अत्यधिक बारिश होती है।
जिसके कारण विशेष रूप से हरे सब्जियों व दूध के बने उत्पाद दूषित हो जाते है। ऐसे इनका सेवन करने से शरीर बीमार हो जाता है। बारिश के चलते नमी और बैक्टीरिया तेजी से पनपता है। ये सभी शरीर में एलर्जी पैदा करते है। क्या नहीं खाना चाहिए?
पतेदार सब्जियां : पतेदार सब्जियां सावन के दिनों में अच्छा नहीं माना जाता। क्योंकि बारिश के दिनों में छोटे छोटे कीट असंख्य पैदा होते है। ये सभी पत्तेदार सब्जियों के अंदर समाये रहते है। हरे रंग के होने के चलते ये पतेदार सब्जियों में आसानी से चिपके रहते, लोग भी नहीं पकड़ पाते छोटे छोटे कीटों को। इस तरह से वो भोजन के माध्यम से शरीर में चले जाते है। और बीमार बना देते है।
बैगन
सावन में बैगन नहीं खाने चाहिए। क्योंकि सावन में बारिश के चलते बैगन में कीड़े पड़ जाते है। साथ ही स्वाद भी ठीक नहीं लगता है।बारिश में मिलने वाले बैगन को अगर खाना है तो उसे ठीक से जाँच कर ही खाएं।
दही
लोगों को सावन में दही खाने से अवश्य बचना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में दही शरीर में एलर्जी पैदा करता है। सावन के दिनों में दही में बैक्टीरिया अधिक मात्रा में पैदा होता है। अगर दही खाना हो तो पहले उसे अच्छे से जाँच कर ले की ये ताजा है कि नहीं। बिल्कुल फ्रेस दही सेवन करना चाहिए।
डेयरी प्रोडक्ट
सावन में लोगों को डेयरी प्रोडक्ट का कम सेवन करना चाहिए। इस मौसम में प्रोटीन से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट को कम ही खानी चाहिए। दूध पनीर जैसे चीजों को जितना हो सके दूर रहे।
माँस
भगवान शिव के महिना बहुत ही पावन माना जाता है। ऐसे में लोगों को धार्मिक कारण से भी माँस मदिरा से दूर रहना चाहिये। इसके अलावे और कई कारण है। इस मौसम में डाइजेशन की बहुत बड़ी समस्या होती है। इस मौसम में माँस आसानी से नहीं पचता। पचने में समय लगता है। ऐसे में लोगों को सावन में माँस का सेवन नही करना चाहिए।
सावन में क्या खाना चाहिए ?
सावन के दिनों में सात्विक आहार ही सर्वोतम माना गया है। इस मौसम के अनुरूप पीने में नींबू पानी, स्मूदी और नारियल पानी लाभकारी होता है।इसके अलावे सब्जी में लौकी, अरबी और कद्दू ज्यादा अच्छा माना जाता है। साथ ही फ्रेश मौसमी फल खाना लाभकारी है। इसके अलावे ड्राईफ्रूट भी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। यह आपका आपके शरीर का इंपावर बढ़ाने के साथ शारीरिक कमजोरी भी दूर करता है। कम भूख लगने वालों के लिए ड्राईफ्रूट अच्छा होता है।