जमशेदपुर : शिक्षा विभाग के राेक के बाद स्कूलाें में बच्चाें काे शारीरिक दंड देने का सिलसिला जारी है। बुधवार काे जमशेदपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल हाईस्कूल गोविंदपुर की प्रधानाध्यापिका सरिता जायसवाल ने खेल गतिविधियों में शामिल नहीं हाेने पर बुधवार काे 10वीं कक्षा की 12 छात्राओं की पिटाई कर दी है। जिसमें कई काे गंभीर चाेट आयी है। छात्रा पूजा भूमिज काे हाथ व सिर में इस कदर मारा गया है कि उसका हाथ सूज गया है।
इससे नाराज अभिभावक गुरूवार काे स्कूल घेरने की तैयारी में हैं। पूजा के पिता लाल सिंह भूमिज ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे पुलिस में भी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे। साथ ही इसकी जानकारी विभाग के बड़े अधिकारियाें काे भी देंगे। क्याेंकि प्रधानाध्यापिका अक्सर विद्यार्थियाें की पिटाई करती रहती हैं।
खेल की गतिविधियों में शामिल नहीं हाेने पर की पीटाई :
वहीं इस संबंध में पूदे जाने पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका सरिता जायसवाल ने कहा कि स्कूल में दाेपहर 2.30 बजे से 30 बजे तक स्कूल में खेल की गतिविधियों के लिए समय तय है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का जाे आदेश है उसके तहत इन गतिविधियाें में सभी विद्यार्थियाें काे हिस्सा लेना है।
लेकिन बुधवार काे तेज धूप हाेने का बहाना बनाकर ये छात्राएं खेल स्कूल के मैदान में नहीं पहुंची। इससे पहले भी वे कई बार खेल की गतिविधियाें में अनुपस्थित रही हैं ऐसे में इन्हें अनुशासन में लाने के लिए पिटाई की गयी है। ताकि वे स्कूल के नियमाें का पालन करें। ऐसे बच्चाें काे अनुशासन में लाने के लिए कभी कभी दंड देना पड़ता है।
बच्चाें के शारीरिक दंड देने पर है राेक :
राज्य के स्कूलाें में पढ़ाई कर रहे बच्चाें काे शारीरिक दंड दिए जाने पर पूरी तरह राेक है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अाेर से जारी अादेश में कहा गया है कि स्कूल किसी भी वजह से बच्चाें काे शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गयी है।