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Modi Government Big Decision : केंद्र सरकार का फैसला, अब विदेशों से धड़ल्ले से नहीं मंगा सकेंगे लैपटॉप, टेबलेट, कंप्यूटर, जानें क्या हैं कारण

by Rakesh Pandey
Modi Government Big Decision केंद्र सरकार का फैसला विदेशों से धड़ल्ले से नहीं मंगा सकेंगे लैपटॉप, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर अंकुश लगा दिया है। Modi Governmentने लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात पर अंशुक लगा दिया है।
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नई दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के आयात से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से विदेशों धड़ल्ले से आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर अंकुश लगा दिया है। सरकार ने इस संबंध में विस्तृत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है। केंद्र सरकार नोटिस में कहा गया है कि वैलिड लाइसेंस के आधार पर ही अब इंपोर्ट (IMPORT) की इजाजत होगी। कुछ मामलों में इंपोर्ट करने की छूट दी गई है।

Modi Governmentने क्यों लिया गया ये फैसला

दरअसल सैमसंग, डेल, एसर और ऐपल जैसी कंपनियां चीन जैसे देशों से भारत में लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर की सप्लाई करती हैं। हालांकि भारत सरकार देश में भी लैपटॉप, कंप्यूटर और सर्वर की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि सुरक्षा कारणों और धरेलु उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए Modi Government ने लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात पर अंशुक लगा दिया है।

Modi Government ने लगाई कौन सी शर्त

Modi Governmentके फैसले के बाद विदेश से लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर को मंगाने के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी। कुछ शर्ते के साथ ही इन्हें मंगाया जा सकता है। फैसले के मुताबिक आयात किए जाने वाले लैपटॉप और कंप्यूटर को मंगाने की अनुमति लेने के लिए इसके उद्​देश्य के बारे में जानकारी देनी होगा। यह बताना होगा कि इनका इस्तेमाल किस खास मकसद के लिए किया जाएगा। इनकी बिक्री नहीं की जाएगी। इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय की ओर से एक और शर्त लगाई गई है, जिसके अनुसार आयातित लैपटॉप और कंप्यूटर को इस्तेमाल के बाद नष्ट कर दिया जाएगा।

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना

मेक इंडिया इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से डीजीएफटी ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है। भारत सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव के इलेक्ट्रॉनिक्स समेत करीब 20 से ज्यादा सेक्टर्स में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना देने के लिए इंसेटिव दे रही है। सरकार ने 2026 तक 300 बिलियन डॉलर के प्रोडक्शन का टारगेट रखा है। इससे ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत एक बड़ी ताकत बन सके।

चीन के लिए साबित होगा बड़ा झटका

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। इन प्रतिबंधित सामानों के आयात की अनुमति वैध लाइसेंस के तहत ही दी जाएगी। इसमें ई-कॉमर्स पोर्टल अथवा पोस्ट या कूरियर के माध्यम से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं। इन सामानों का आयात लागू शुल्क के भुगतान के अधीन होगा। माना जा रहा है कि Modi Governmentके फैसले से चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से इन वस्तुओं का होने वाला आयात घटेगा।

क्या है मौजूदा स्थिति

बीती अप्रैल-जून तिमाही में, इलेक्ट्रॉनिक्स आयात, जिसमें बैन किए गए ये प्रोडक्ट्स भी शामिल थे 19.7 अरब डॉलर का था, ये आंकड़ा इससे एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 6.25 फीसदी ज्यादा है। मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के पूर्व महानिदेशक अली अख्तर जाफरी जैसे उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपाय स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

अंकुश श्रेणी में डालने के क्या हैं मायने
Modi Government की ओर से लागू आयात अंकुश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। किसी उत्पाद को आयात अंकुश की श्रेणी में शामिल करने का अर्थ है कि संबंधित वस्तु के आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी।

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