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बिहार सरकार के इस फरमान से शिक्षा व्यवस्था होगी दुरुस्त, अधिकारियों को रोज करना होगा यह

by Rakesh Pandey
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पटना : बिहार में इन दिनों शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर कवायद जारी है। अधिकारी लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे है। स्कूलों से गायब शिक्षकों पर कार्रवाई भी हो रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रधानाचार्यों के साथ प्रतिदिन बैठक करने का निर्देश दिया है। बैठक को वर्चुअल मोड में आयोजित करने को कहा है। जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाये।

पूरे बिहार में 75,309 सरकारी स्कूल, इतने स्कूलों में अभी नहीं हो रही बैठकें

यह निर्देश राज्य शिक्षा विभाग द्वारा यह पाये जाने के बाद आया है कि सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ ऐसी बैठकें प्रतिदिन नहीं होतीं। राज्य शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक ने एक पत्र में कहा कि वर्चुअल बैठकों की संख्या 65,000 से 70,000 के बीच है, हालांकि पूरे बिहार में 75,309 सरकारी स्कूल हैं। इससे यह साफ होता है कि लगभग 5000 स्कूलों में बैठक का आयोजन नहीं हो रहा है।

65,000 स्कूलों की प्रतिदिन हो रही समीक्षा :

राज्य शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पत्र में कहा कि नियमित आधार पर सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बैठक में जुड़ रहे है और आदेश का पालन कर रहे हैं। विभाग को दैनिक आधार पर 65,000 स्कूलों में आयोजित होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस का विवरण प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि केवल एक दिन में विभाग को संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों से 70,000 स्कूलों की वर्चुअल बैठकों का विवरण प्राप्त हुआ था।

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शिक्षा विभाग के आदेशों को गंभीरता से ले डीईओ, नहीं तो कार्रवाई तय :

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में कुल 75,309 सरकारी स्कूल हैं। डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी), जो शेष स्कूलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहे हैं, उन्हें विभाग के आदेश को गंभीरता से लेना चाहिए.और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी 75,309 स्कूलों (प्रधानाचार्यों) के साथ प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए और विभाग को इसकी जानकारी भेजी जाये।

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