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मधुमेह रोगियों को अब रोजाना नहीं लेना होगा इंसुलिन, वैज्ञानिकों ने ढूंढा इलाज, जानिए क्या है?

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों के लिए एक अच्छी खबर है। खासकर उनके लिए जो रोजाना या नियमित रूप से इंसुलिन लेते हैं। वैसे मरीजों के लिए मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने कमाल का काम किया है। इनके द्वारा एक ऐसा नया प्रत्यारोपित करने योग्य उपकरण तैयार किया गया है जिसमें इंसुलिन बनाने वाली हजारों हजार आइलेट कोशिकाएं होंगी। इसके साथ ही, उनकी खुद की ऑक्सीजन फैक्ट्री भी होगी जो शरीर में
पाए जाने वाले वाष्प (वाटर वेपर) को विखंडित करने ऑक्सीजन भी बनाएंगी। वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह शोध प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंस जर्नल में भी प्रकाशित हो चुकी है।

चूहों पर किया गया सफल परीक्षण

इस उपकरण का सफल परीक्षण चूहों पर किया गया है। दरअसल, उपकरण को चूहों में प्रत्यारोपित किया गया तो पाया गया कि इसकी मदद से कम से कम एक महीने तक उन चूहों में ब्लड ग्लूकोज का स्तर एक समान बना रहा। इससे साबित होता है कि इस उपकरण के बाद मधुमेह रोगियों को अब नियमित रूप से इंसुलिन लेने की
की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। चूंकि, अभी तक मधुमेह रोगियों को अपने साथ इंसुलिन का इंजेक्शन लेकर भी चलना पड़ता था।

चिकित्सकों ने कहा यह बड़ी उपलब्धि

इस उपकरण को लेकर चिकित्सक भी उत्साहित है। चूंकि, मरीजों को बार-बार इंसुलिन लेने से वे कहीं न कहीं मानसिक रूप से परेशान रहते है, जिसका असर भी उनके सेहत पर पड़ता है। झारखंड के जाने-माने मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी जैसवाल करते हैं कि चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। रोजाना नए-नए शोध व उपकरण बाजार में आ रहे हैं, जिससे अब गंभीर से गंभीर मरीजों की जान बचा ली जाती है। ऐसे में यह उपकरण भी मरीजों के लिए काफी लाभदायक होगा।

मधुमेह क्या है?

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे एक बार हो जाए तो उसे जीवन भर दवा खानी पड़ती है। हालांकि, संयमित खान-पान व जीवनशैली के माध्यम से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. अश्विनी जैसवाल कहते हैं कि शरीर में जब रक्त शर्करा बढ़ जाती है तो उस दौरान इंसान के शरीर में कई तरह के लक्षण सामने आते हैं और उस अवस्था को मधुमेह कहते हैं। यह परेशानी तब शुरू होती है जब शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं करता है। मधुमेह को शुगर बीमारी के नाम से भी जाना जाता है।

मधुमेह होने का कारण?

मधुमेह बढ़ने के कई कारण हैं। इसमें बदलते जीवन शैली से लेकर अनुवांशिकी, मोटापा सहित अन्य है। मधुमेह दो तरह के होते हैं। टाइप-1 व टाइप-2। टाइप-1 मधुमेह में प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। वहीं, टाइप-2 मधुमेह का मुख्य कारण अनुवांशिकी और जीवनशैली ही माना जाता है। मोटापा बढ़ने से लोगों में इस बीमारी का खतरा और भी बढ़ते जा रहा है।

मधुमेह का लक्षण

– मधुमेह के दौरान कई तरह के लक्षण सामने आते हैं, जिसे महसूस या फिर समझने की जरूरत होती है।
– लगातार पेशाब आना।
– अधिक भूख लगना।
– डिहाइड्रेशन या अधिक प्यास लगना।
– वजन कम होना।
– थकान महसूस होना।
– चक्कर आना।
– घाव भरने में समय लगना।
– संक्रमण या त्वचा की समस्या होना।

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मधुमेह आपके शरीर के कई अंगों को कर देता डैमेज

– मधुमेह आपके शरीर के कई मुख्य अंगों को डैमेज कर देता है। जिसके बाद आगे आपकी परेशानी बढ़ जाती है।
– मधुमेह आपके आंख को डैमेज करता है। मधुमेह को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह रेटिनापैथी में तब्दील हो जाता है।
– मधुमेह के कारण गैंगरीन, अल्सर या न्यूरोपैथी में पैर की समस्या भी बढ़ जाती है।
– मधुमेह आपके दिल को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है।
– मधुमेह रोगियों में त्वचा की समस्याएं बढ़ जाती है।
– सुनने की क्षमता प्रभावित होना। मधुमेह रोगियों में सुनने की शक्ति भी प्रभावित होती है।

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