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कांग्रेस की ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ के कारण मैसूर में हिंसक घटना हुई : BJP

भीड़ बैग में पत्थर भरकर पुलिस स्टेशन पहुंची थी। उन्हें पुलिस स्टेशन को नुकसान पहुंचाने का हौसला मिल गया। पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई.

by Reeta Rai Sagar
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बेंगलुरु : बीजेपी ने मंगलवार को कांग्रेस सरकार पर ‘सांप्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति’ का आरोप लगाया, जिससे मैसूरु में हिंसा भड़की। मैसुरु में भीड़ ने सोमवार रात उडयागिरी पुलिस स्टेशन को घेर लिया और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को रिहा करने की मांग करने लगे।

मंगलवार दोपहर पुलिस स्टेशन का दौरा करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लेने के बाद भी हिंसा पर उतरने वाली भीड़ की निंदा की। अशोक ने कांग्रेस सरकार के उस विवादास्पद फैसले की तुलना की, जिसमें हुबली में पुलिस स्टेशन पर हमले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ मामले वापस ले लिए गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारामैया को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनके फैसले ने ऐसे लोगों को हौसला दिया।

प्रशासन ने इसे बढ़ावा दिया

अशोक ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों में हमलावरों की तस्वीरें कैद हो गई हैं और पुलिस को बिना देर किए कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति को बढ़ने दिया गया, जहां पुलिस स्टेशन घेरने और हमला करने की घटनाएं हो रही हैं और उन्होंने इसे राज्य में व्यापक कानून-व्यवस्था संकट से जोड़ा।

भीड़ पत्थर लेकर थाने पहुंची थी

उन्होंने पुलिस स्टेशन पर पत्थर फेंकने की घटना की निंदा करते हुए इसे अपराध बताया और कहा कि इसे माफ नहीं किया जा सकता। आर. अशोक ने कहा, अगर स्थिति थोड़ा और बिगड़ जाती, तो पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया जाता। राज्य में कोई कानून और व्यवस्था नहीं है। यह हुबली के पत्थर फेंकने की घटना जैसा है। भीड़ बैग में पत्थर भरकर पुलिस स्टेशन पहुंची थी। उन्हें पुलिस स्टेशन को नुकसान पहुंचाने का हौसला मिल गया। पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वे कार्रवाई करेंगे, तो सरकार उनका समर्थन नहीं करेगी। वोट बैंक की राजनीति के लिए सत्ताधारी पार्टी पूरी व्यवस्था को खराब कर रही है।

क्या इसके पीछे राजनेताओं का हाथ है?

विपक्ष के नेता आर अशोक ने यह भी कहा, हमें जानकारी मिली है कि कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसी कुछ संस्थाएं मैसूरु में सक्रिय हैं। हमें जानकारी मिली है कि इन संस्थाओं के सदस्य, जो केरल से हैं, कर्नाटक में हत्या, अपहरण और अन्य मामलों में शामिल हैं।”

पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैसूरु की घटना मंग्लौरु, केजी हल्ली (बेंगलुरु) और हुबली जैसी घटनाओं से मिलती-जुलती है। उन्होंने कहा, “जब हम सत्ता में थे, तो हमने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ मामले वापस ले लिए। इन लोगों को पुलिस पर हमले का हौसला कैसे मिला? क्या इनके पीछे कुछ राजनेता हैं?”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि सरकार को उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने भी तुष्टीकरण की राजनीति को इन घटनाओं का कारण बताया।

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