नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच ने बेगमपुर थाने के एक सनसनीखेज डकैती और हत्या के मामले में फरार अपराधी करन उर्फ कल्लू (28) को गिरफ्तार किया है। करन, जो कुख्यात विक्की टक्कर उर्फ दाऊद गैंग का सदस्य है, 2019 के एक मामले में वांछित था और कोर्ट द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया था। उसे 25 जून को शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के पास हनुमान मंदिर से गिरफ्तार किया गया। घटना 9 दिसंबर 2019 की रात 10 बजे की है, जब करन और उसके 3-4 साथियों ने बेगमपुर के राजीव नगर एक्सटेंशन में एक घर में घुसकर डकैती की।
शिकायतकर्ता के अनुसार, वह अपने भाई के साथ घर पर था, जिसका दाहिना पैर प्लास्टर में था। अपराधियों ने परिवार को धमकाया, अलमारी की चाबी मांगी, नकदी और मोबाइल लूटे। विरोध करने पर नरेश नामक व्यक्ति को चाकू मारकर हत्या कर दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीसीपी हर्ष इंडोरा ने एक टीम गठित की। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने तकनीकी निगरानी और 250 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर करण को शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से पकड़ा। पूछताछ में करण ने खुलासा किया कि वह विक्की टक्कर गैंग के संजय, सोनू, विजय नेगी, ईशांत, सलीम, अरमान और इंद्रजीत के साथ मिलकर डकैती की योजना बनाई थी। उसने नरेश को चाकू मारा, जबकि अन्य ने घर लूटा। पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश और मामले की जांच कर रही है।
पांच ग्रेजुएट पुलिस अधिकारी बन आधी रात में किया किडनैप, मांगी फिरौती, पुलिस ने दबोचा- सभी आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली : साउथ वेस्ट दिल्ली के किशनगढ़ थाना पुलिस ने एक सनसनीखेज अपहरण और फिरौती के मामले का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर एक शख्स से उगाही करने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रवेश, आर्यमन चौधरी, ऋतिक, देव आनंद यादव और सरमन राय के रूप में हुई है। ये राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल कार भी बरामद कर ली है।
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 16 जून को मुनिरका के एक शख्स ने शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 15 जून की देर रात 1:20 बजे के बाद कुछ लोग उसे किडनैप कर ले गए। आरोपियों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर उससे फिरौती की मांग की। हालांकि, पीड़ित चकमा देकर भागने में कामयाब रहा और उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी।सूचना मिलते ही एसीपी रणवीर सिंह की निगरानी में इंस्पेक्टर राजीव कुमार की टीम ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता के आधार पर पुलिस ने आरोपियों का सुराग ढूंढा। वारदात में इस्तेमाल गाड़ी का नंबर प्लेट फुटेज में स्पष्ट नहीं था, लेकिन पुलिस ने दर्जनों सीसीटीवी फुटेज खंगालकर गाड़ी का रूट ट्रेस किया।
जांच में पता चला कि गाड़ी जयपुर निवासी प्रवेश के नाम पर रजिस्टर्ड थी।प्रवेश ने खोला राज, बाकी साथी भी पकड़े गएप्रवेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपने चार अन्य साथियों के शामिल होने की बात कबूल की। उसने बताया कि वह कार चला रहा था, जबकि बाकी साथियों ने अपहरण और उगाही की साजिश रची थी। प्रवेश की निशानदेही पर पुलिस ने आर्यमन चौधरी को हिमाचल प्रदेश से, ऋतिक को झांसी, उत्तर प्रदेश से, देव आनंद यादव को अलवर, राजस्थान से और सरमन राय को कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के उनके ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सभी आरोपी अविवाहित हैं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं।