नई दिल्ली: चार साल बाद हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्र संघ चुनाव का परिणाम शनिवार काे घाेषित कर दिया गया। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अध्यक्ष पद सहित तीन सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने उपाध्यक्ष पद पर जीत से संताेष करना पड़ा है।
दिल्ली विवि छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने अध्यक्ष समेत तीन पदाें पर जीत दर्ज की
इस चुनाव में एबीवीपी के तुषार डेढ़ा ने अध्यक्ष पद पर विजय प्राप्त की और उन्होंने एनएसयूआई के हितेश गुलिया को 3,115 वाेटाें से हराया। जबकि सेक्रेटरी पद पर अपराजिता ने और ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर सचिन बैसला ने जीत दर्ज की है। वहीं NSUI की ओर से अभि दहिया ने ABVP के सुशांत धनखड़ को हरा कर जीत दर्ज की। इस चुनाव के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली विवि छात्र संघ चुनाव में जीत पर अभाविप काे देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बधाई दी इसे देश के युवाओं का जनादेश बताया।।
अध्यक्ष पद पर मिले इतने वोट
छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के उम्मीदवार तुषार डेढ़ा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच बड़े प्रतिस्पर्धी माहौल में विजय प्राप्त की। तुषार डेढ़ा को 23,460 वोट मिले हैं। उनके प्रतिस्पर्धी, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के उम्मीदवार हितेश गुलिया ने 20,345 वोटों से दूसरे स्थान पर रहकर तुषार डेढ़ा के खिलाफ हार का सामना किया। इस चुनाव में, 2,751 वोट नोटा (नो वोट) की तरफ दिया गया। एबीवीपी के तुषार डेढ़ा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष पद पर अपनी प्रतिष्ठा बनाई।
उपाध्यक्ष, सचिव पद और सह सचिव पद की भी देखें लिस्ट:
उपाध्यक्ष पद पर भी तीव्र प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जहाँ नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के उम्मीदवार अभि दहिया ने 22,331 वोटों के साथ जीत हासिल की। उनके प्रतिस्पर्धी, एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को 20,502 वोट मिले। इसके साथ ही, सचिव पद पर एबीवीपी की अर्पिता को 24,534 वोटों के साथ जीत मिली, जबकि वहीं एनएसयूआई की यक्षणा शर्मा को 11,597 वोट मिले। सह सचिव पद पर भी एबीवीपी के सचिन बैंसला ने 24,955 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि एनएसयूआई के शुभम कुमार को 14,960 वोट मिले।
पिछली बार से अधिक मतदान:
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के मतदान में एक बड़ा उछाल देखा गया है। इस बार करीब 42 फीसदी वोट डाले गए, जो पिछले चुनाव (साल 2019) की तुलना में करीब 2.10 फीसदी अधिक थे। साल 2019 के चुनाव में 39.90 फीसदी वोट पड़े थे। इस बार के चुनाव में, छात्रसंघ के चार प्रमुख पदों – अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, और संयुक्त सचिव के लिए 24 प्रत्याशी मैदान में थे। डीयू के 52 कॉलेजों और केंद्रों पर वोट डाले गए हैं।
सुरक्षा का मुद्दा रहा महत्वपूर्ण:
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में, छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण रहा। यह मुद्दा फेस्टिवल के दौरान हुए हाल के घटनाओं के परिणामस्वरूप रहा। साथ ही बाहरी युवाओं के कॉलेज परिसर में प्रवेश के बाद छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा छात्रों के बीच चर्चा का कारण बना। इसका असर डूसू चुनावों में दिखा, जहां अधिकांश छात्राएं सुरक्षा को महत्वपूर्ण मुद्दा मानकर मतदान करने की बात कही। वे ऐसे प्रतिनिधियों के लिए वोट करने की बात कही जिन्होंने छात्रों की सुरक्षा के लिए कठिनाइयों का सामना किया और उनके हित में उतरी। छात्रों की इस उच्च जागरूकता ने इस चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
धरातल पर कुछ नहीं आता नजर:
सुरक्षा का मुद्दा चुनाव में महत्वपूर्ण रहा जिसका जिक्र छात्राओं ने खास कर के किया। मिरांडा हाउस में बीए आनर्स भूगोल की छात्रा हर्षिता भट्ट ने कहा था कि मुख्य छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआइ ही हैं। इन्होंने महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किए हैं। लेकिन, यह सिर्फ बाते ही हैं। धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता। फेस्टिवल के दौरान जब मिरांडा हाउस में बाहरी युवकों ने प्रवेश किया, तो इस पर छात्र संगठनों ने कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं किया।
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