पटना : बिहार की राजधानी पटना में एक गंभीर हादसा घटित हुआ है, जिसमें निर्माणाधीन पटना मेट्रो की सुरंग में तीन मजदूर फंस गए। इस दुर्घटना में एक मजदूर की जान चली गई, जबकि दो अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना अशोक राजपथ पर एनआईटी मोड़ के पास हुई, जहां मेट्रो सुरंग का निर्माण कार्य जारी था।
हादसे का विवरण
बताया जा रहा है कि यह हादसा तब हुआ जब निर्माण कार्य के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली लोको मशीन का ब्रेक फेल हो गया। इससे मशीन का नियंत्रण खो गया और तीन मजदूर सुरंग में फंस गए। घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, एक मजदूर का शव गंभीर स्थिति में मिला, जबकि अन्य दो मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
स्वास्थ्य स्थिति
पुलिस ने पुष्टि की है कि फंसे हुए मजदूरों में से दो को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।
काम की परिस्थितियां
स्थानीय मजदूरों का कहना है कि वे रात के 8 बजे से सुबह के 8 बजे तक काम करते हैं, लेकिन इस दौरान उनके पास कोई उच्च अधिकारी मौजूद नहीं होता। इस प्रकार की परिस्थितियों में काम करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। कई मजदूरों ने यह भी बताया कि रात की शिफ्ट में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जो इस प्रकार के हादसों को जन्म दे सकता है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
इस घटना ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को एक बार फिर से उजागर किया है। मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर निर्माण परियोजना की प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पटना मेट्रो के निर्माण कार्य में कई बार सुरक्षा उपायों की अवहेलना की गई है।
प्रशासन की कार्रवाई
इस घटना के बाद, पटना पुलिस ने जांच के आदेश दिए हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
पटना मेट्रो के निर्माण कार्य में हुए इस दुखद हादसे ने न केवल एक परिवार को अपूरणीय क्षति दी है, बल्कि यह एक गंभीर चेतावनी भी है कि मजदूरों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जब तक निर्माण स्थलों पर उचित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। समाज और प्रशासन को चाहिए कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।