चक्रधरपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ट्रेन की टक्कर से हाथियों की होने वाली मौत पर लगाम लगेगी। हाथियों की ट्रेन से टकराकर होने वाली मौतों को रोकने के लिए रेलवे ने वन विभाग के सहयोग से एक अनूठी योजना तैयार कर ली हैं। रेलवे की तरफ से जानवरों को बचाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब ‘एआई के एलीसेंस लाइव’ हाथी या अन्य बड़े जानवर के रेलवे ट्रैक के पास या उस पर आने पर वीडियो और तस्वीरें भेजेगा। झारखंड में यह पहली बार है, जब ‘एलीसेंस लाइव’ तकनीक के जरिए रेलवे को वीडियो के साथ चेतावनी का मैसेज भी मिलेगा।
इस तरह उन्हें पता चल जाएगा कि रेलवे ट्रैक के पास कितने हाथी हैं और वे किस दिशा में जा रहे हैं। एलीसेंस लाइव इस संदेश और उनके लोकेशन के वीडियो को रेलवे ने तत्काल वन विभाग को शेयर करेगा। हाथियों की ट्रेन से टकराने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए पहले भी कई कदम उठाए गए थे। जो नाकाम साबित हुए।
नई तकनीक के इस्तेमाल से ट्रेन से टकराने पर हाथियों की मौतों की संख्या में 99.9 प्रतिशत कमी आ सकती है। एलीसेंस लाइव तकनीक से सेंसर द्वारा सभी की तस्वीर और वीडियो ली जाएगी और कैप्चर की जाएगी। एआई एलीसेंस लाइव जानवरों के आने का संदेश तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से देगा। हालांकि जंगल के बीच हाथियों के गलियारे में लगाई गई अत्याधुनिक डिवाइस के चोरी होने का खतरा है। इसके लिए भी रेलवे इंतजाम कर रहै है। इस योजना में रेलवे को लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
AI सिस्टम का ग्राफ डेटा तैयार करने के लिए गुजरात से मंगाए हाथी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI सिस्टम को जांचने और डेटा तैयार करने के लिए रेल प्रशासन ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा चिड़ियाघर से दो प्रशिक्षित हाथी को मंगाया है। दोनों हाथी को सड़क मार्ग से शनिवार शाम को चक्रधरपुर लाया गया है। ये हाथी चक्रधरपुर के आसपास सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग द्वारा रेल लाइन में लगाए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI सिस्टम से ग्राफ डेटा तैयार करने में सहायता करेंगे।
हाथी को रेल लाइन से दूर, नजदीक, और पास से गुजारा जाएगा। इसके बाद रेल प्रशासन इस ग्राफ डेटा को सिस्टम में फीड करेगा। जब यह सिस्टम एलीफैंट जोन रेल खंडों में लग जाएगी। इसके उपरांत जब हाथी रेल लाइन के आसपास होगा तो सिस्टम में फीड ग्राफ डेटा से उस वक्त का लाइव ग्राफ डेटा मैच होगा और नजदीकी स्टेशन मास्टर और सेंट्रल ट्रेन कंट्रोल रूम फोटो, वीडियो के साथ अलर्ट सिग्नल मिलेगा। इससे एलीफैंट जोन में ट्रेनों की गति कम हो जाएगी और ट्रेन की टक्कर हाथी से नहीं होगी।
कहा लगाने की है योजना
हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग के जराईकेला-महादेवशाल, धुतरा- बागडीह, मानीकुई-चांडिल,कुनकी- चांडिल रेल खंड में यह सिस्टम लगाया जाएगा। सभी रेल जगह सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है।
क्यों पड़ा रेलवे को जरूरी
हावड़ा मुंबई मुख्य मार्ग पर 13 अक्टूबर 2024 को चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा ए केबिन के पास 23 हाथियों का झुंड रेल लाइन पार कर रहा था। इसी दौरान एक मालगाड़ी आगे ट्रेक पर खड़ी थी, जिस कारण हाथियों का झुंड ट्रैक से बाहर नहीं निकल पाया और वहीं दूसरी मालगाड़ी उस ट्रैक पर आ गई। इससे एक हाथी का बच्चा ट्रेन से कट गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ट्रेन के चालक और सहायक चालक पर वन विभाग ने मामला दर्ज किया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था। इससे पहले भी चक्रधरपुर रेल मंडल में कई हाथियों की ट्रेन से कट कर मौत हो चुकी है।इसके बाद ही रेल प्रशासन नई तकनीक का सहारा ले रहा है।