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कबाड़ बेचकर सरकार के खाते में आए 2364 करोड़, पीएम मोदी ने दी सभी को बधाई

क्या आप कभी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके आसपास फेंके जाने वाले कचड़े की कीमत 2364 करोड़ रुपए हो सकती है।

by Reeta Rai Sagar
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अपडेट

सेंट्रल डेस्क : दीपावली के अवसर पर हम सभी अपने घरों में जमे कबाड़ को साफ करते हैं औऱ बेचते हैं। केंद्र सरकार ने भी अक्टूबर के महीने में कबाड़ बेचकर करोड़ों रुपये कमाए हैं। केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर में स्वच्छता अभियान चलाया गया था, जिसके तहत सरकार के खाते में 650 करोड़ की आय अर्जित हो गई।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर बधाई देते हुए लिखा है कि प्रभावशाली प्रबंधन और त्वरित कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करके अभूतपूर्व सफलता हासिल की गई है। इतना ही नहीं बीते चार सालों में इस अभियान के तहत सरकार ने कबाड़ बेचकर 2364 करोड़ रुपये की कमाई की है।

आफिस स्पेस भी हुआ फ्री

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि पीएम मोदी के दिशा-निर्देशों से प्रोत्साहित होकर 2021-24 के बीच चलाए गए विशेष अभियान के तहत 2364 करोड़ रुपये की आय कबाड़ बेचने से हुई है। आगे बताया गया कि इससे अधिकारियों के लिए भी अधिक से अधिक आफिस स्पेस फ्री हुआ है, जिससे दक्षतापूर्ण काम करने में मन लगेगा।

लाखों साइटों पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष अभियान 4.0 स्वच्छता को संस्थागत बनाने औऱ सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने के लिए यह भारत का सबसे बड़ा अभियान था। स्वच्छता और लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान 4.0 में संतृप्ति दृष्टिकोण रखा गया था। जागरूकता के लिए 5.97 लाख से भी अधिक साइटों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान का परिणाम यह हुआ कि प्रभावी कार्यालय उपयोग के लिए 190 लाख वर्गफीट जगह खाली हुआ है।

जितेंद्र सिंह ने बताया कि…


केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि हर बीतते साल के साथ विशेष अभियान का आकार और पैमाना दोनों बढ़ता चला गया। 2023 में जहां 2.59 लाख साइटों को कवर किया गया, तो वहीं 2024 में 5.97 लाख से अधिक साइटों को कवर किया गया। इसकी समीक्षा के लिए कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और केंद्र सरकार के सचिवों की मदद ली गई औऱ उनके नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में दैनिक आधार पर बनाए गए विशेष पोर्टल पर मॉनिटर किया गया।

इससे क्या फायदा हुआ

इससे केंद्रीय सचिवालय में लंबित चल रहे मामलों में कमी आई है। जिसमें ज्यादातर मंत्रालयों से लेकर विभागों तक ने अपने लक्ष्य का 90 से 100 फीसदी तक हासिल किया है। इस अभियान का समापन 31 अक्टूबर को हुआ। इसके बाद अब अगला चरण 14 नवंबर से शुरू होगा।

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