जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत सरकार ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इसी बीच रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी है। रूस ने यह फैसला भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव और क्षेत्र में अस्थिर होती स्थिति को देखते हुए लिया है।
रूसी एंबेसी ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
पाकिस्तान स्थित रूसी दूतावास (@RusEmbPakistan) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। पोस्ट में कहा गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए रूस अपने नागरिकों को सिफारिश करता है कि वे पाकिस्तान की यात्रा न करें। दूतावास ने कहा,
“भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाक्रम और कुछ अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे उग्र बयानों को देखते हुए, हम अपने नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे स्थिति के सामान्य होने तक पाकिस्तान की यात्रा से परहेज करें।”
यह ट्रैवल एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब भारत में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारी जनाक्रोश है। भारत सरकार ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर आवाज बुलंद की है।
भारत-रूस संबंध: पुराना और मजबूत
भारत और रूस के बीच दशकों पुराने मजबूत रणनीतिक और कूटनीतिक संबंध हैं। हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान, जब पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, तब भारत ने रूस का साथ निभाया। भारत ने न केवल रूस से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल का आयात जारी रखा, बल्कि वैश्विक दबाव के बावजूद रूस के खिलाफ किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिकूल रुख नहीं अपनाया।
भारत का रूस के प्रति समर्थन
जब रूस यूक्रेन संकट में वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ रहा था, उस समय भारत ने तटस्थता बनाए रखते हुए अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी और रूस से संबंधों को कमजोर नहीं होने दिया। यही वजह है कि आज जब भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है, रूस ने बिना किसी हिचक के भारत का पक्ष लिया और अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पाकिस्तान यात्रा से बचने की सलाह जारी की।
रूस की यह ट्रैवल एडवाइजरी न केवल एक सुरक्षा उपाय है, बल्कि भारत के साथ उसके मजबूत रिश्तों का संकेत भी है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए आने वाले दिनों में अन्य देशों की ओर से भी ऐसी एडवाइजरी जारी की जा सकती है। फिलहाल भारत आतंक के खिलाफ अपने रुख पर कायम है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।