खूंटी (झारखंड) : सावन 2025 में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए प्रसिद्ध बाबा आमरेश्वर धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को इस बार यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह है बनई नदी पर स्थित पेलोल पुल का टूट जाना, जिससे खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। हालांकि मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था कर दी है।
सावन में श्रद्धालुओं की भीड़, पुल टूटने से मार्ग अवरुद्ध
पेलोल पुल, जो खूंटी से आमरेश्वर धाम की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग का हिस्सा है, हाल की लगातार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त होकर टूट गया। सुरक्षा कारणों से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। हर साल सावन के पवित्र महीने में लाखों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं, जिससे इस मार्ग की अहमियत और बढ़ जाती है।
Baba Amreshwar Dham : वैकल्पिक मार्ग से आमरेश्वर धाम पहुंचने की व्यवस्था
आमरेश्वर धाम प्रबंधन समिति के महासचिव मनोज कुमार ने बताया कि पेलोल पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद, श्रद्धालुओं के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं:
रांची से आने वाले श्रद्धालु अब रिंग रोड – लोधमा – जालटांडा बाजार – जुरदाग होते हुए आमरेश्वर धाम पहुंचेंगे।
खूंटी, बुंडू और तमाड़ से आने वाले श्रद्धालु मार्टिन – बांग्ला – महल के रास्ते धाम पहुंच सकते हैं।
प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी
श्रावणी मेला के मद्देनजर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
रविवार और सोमवार को दंडाधिकारी की तैनाती की गई है।
महिला पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवा काउंटर बहाल कर दिए गए हैं।
पूजन सामग्री की दुकानों की निगरानी और व्यवस्था का जिम्मा प्रबंधन समिति को सौंपा गया है।
आमरेश्वर धाम परिसर के तोरपा और मुरहू सीमा क्षेत्र में संयुक्त थाना ड्यूटी लगाई गई है।
Baba Amreshwar Dham : बाबा आमरेश्वर धाम की विशेषता
झारखंड के खूंटी जिले में स्थित बाबा आमरेश्वर धाम को ‘मिनी बाबाधाम’ भी कहा जाता है। यहां शिवलिंग की पूजा होती है, जिसका गर्भगृह खुली छत के नीचे स्थित है। यह धाम पिछले पांच दशकों से भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन के महीने में यहां विशेष श्रृंगार और पूजा-अर्चना की जाती है।