गोरखपुर : गीडा इलाके के अमटौरा गांव में मंगलवार को रास्ते के विवाद में हुई हत्या के मामले में एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने घटना में लापरवाही बरतने वाले तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इन सभी के विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। निलंबित पुलिसकर्मियों में दरोगा अजय राज यादव, आरक्षी जितेंद्र यादव और आशीष वर्मा शामिल हैं। दरअसल, अमटौरा में दो दिन से चल रहे रास्ते के विवाद में मंगलवार को शिवधनी साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गीडा पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा था। पीड़ित परिवार और गांव के लोगों का आरोप है कि घटना के पहले पुलिस की और से उचित कार्रवाई नहीं की गई थी, जिसके कारण यह घटना हुई।
खुद अमटौरा पहुंचे थे एसएसपी
मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी खुद घटना के तत्काल बाद मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद उन्होंने ने पीड़ित परिवार से भी मुलाका की थी। एसएसपी ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए थे। अमटौरा गांव में हुई दिल दहला देने वाली इस घटना से पूरा गांव अभी भी स्तब्ध है। दरअसल, शशि शंकर सिंह उर्फ पीकलू और उसके परिवार को रास्ते में साइकिल व बाइक खड़ी होने की वजह असुविधा हो रही थी, जिसकी वजह से विवाद हुआ। यह विवाद इतना बढ़ा कि पीकलू ने अपने पिता की लाइसेंसी एकनाली बंदूक से शिवधनी साहनी को गोली मार दी। उसके गुस्से ने एक पल में शिवधनी के परिवार की खुशी छीन ली। गोली के छर्रों से उसकी पत्नी हेमलता भी घायल हो गईं। आरोपितों ने इस त्रासदी के बाद पीड़ित परिवार की झोपड़ी में आग लगा दी, जिससे संपत्ति का भी नुकसान हुआ।

बुधवार को गिरफ्तार हुआ था आरोपी
इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी शशि शंकर सिंह उर्फ पीकलू को बुधवार सुबह लाइसेंसी बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी बंदूक से उसने घटना को अंजाम दिया था। हत्या व आगजनी के बाद से गांव में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो जाने पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई थी। घटना में नामजद किए गए चार अन्य आरोपितों को पुलिस ने मंगलवार की रात को ही पकड़ लिया था। कहा जा रहा कि घटना से एक दिन पहले भी दोनों परिवारों के बीच विवाद हुआ था, लेकिन तब पुलिस ने उचित कार्रवाई न कर मामले को टाल दिया था। गांव के लोगों का कहना है कि गीडा थाने की पुलिस ने यदि अपने कर्तव्यों का सही से निर्वहन किया होता, तो यह घटना नहीं हुई होती।
सुमन का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक की बेटी सुमन की सगाई बीते 22 नवंबर को बड़े धूमधाम से हुई थी। परिवार के सभी सदस्य इसे एक नए जीवन की शुरुआत मान रहे थे। सुमन की आंखों में एक उज्जवल भविष्य की झलक थी, जिसमें उसके पिता की शादी में शामिल होने और उसे आशीर्वाद देने का ख्वाब भी शामिल था। लेकिन, किसी को क्या पता था कि उसका यह सपना सपना ही रह जाएगा। मंगलवार की भोर में पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचने पर उसका रो-रोकर उसका बुरा हाल था। परिवार के लोगों व रिश्तेदारों ने उसे संभाला, इस बीच वह कई बार बेसुध होती रही।
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