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टाटा पावर रीन्युएबल एनर्जी की परियोजना के लिए 42.5 करोड़ डॉलर की राशि मंजूर

by Rakesh Pandey
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नयी दिल्ली : टाटा पावर रीन्युएबल एनर्जी बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में कंपनी रीन्युएबल एनर्जी में बड़ा निवेश करने जा रही है। इसी कड़ी में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन ने टाटा पावर रीन्युएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) को तमिलनाडु में 4.3 गीगावाट क्षमता की विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए 42.5 करोड़ डॉलर (3,521 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता देने को मंजूरी दी है। यह परियोजना कंपनी की अनुषंगी इकाई लगा रही है।

4,300 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन :

टीपीआरईएल ने एक बयान में कहा कि संयंत्र से पहला सौर मॉड्यूल उत्पादन साल के अंत तक होने और पहला सौर सेल उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में होने की उम्मीद है।

बयान के अनुसार, यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल ने तिरुनेलवेली में आगामी 4.3 गीगावॉट (4,300 मेगावाट) सौर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र के लिए टीपीआरईएल की सहायक कंपनी टीपी सोलर लिमिटेड में 42.5 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण को मंजूरी दी।

टाटा पावर की क्षमता में होगी बढ़ोतरी : प्रवीर सिन्हा

टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) प्रवीर सिन्हा ने कहा कि हम तमिलनाडु में अपनी सौर सेल और मॉड्यूल उत्पादन इकाई के लिए डीएफसी के सहयोग की सराहना करते हैं।

यह देश में अत्याधुनिक विनिर्माण आपूर्ति व्यवस्था स्थापित करने की टाटा पावर की क्षमता में डीएफसी के भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह देश में नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने में काफी मदद करेगा।

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कंपनी कर रही बेहतर प्रदर्शन

दिसंबर में समाप्त तिमाही के लिए, टाटा पावर ने 945 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो साल-दर-साल 122 प्रतिशत अधिक है, जबकि परिचालन से राजस्व लगभग 30 प्रतिशत बढ़कर 14,129 करोड़ हो गया। क्रमिक रूप से, शुद्ध लाभ 15.4 प्रतिशत बढ़ा जबकि राजस्व स्थिर रहा। परिचालन लाभ रूपये 2,334.8 करोड़ था, जो एक साल पहले 1,633.8 करोड़ था।

परिचालन लाभ मार्जिन 155 आधार अंक बढ़कर 16.52 प्रतिशत हो गया। खंडों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ सौर परियोजनाओं में देरी हुई है और सौर मॉड्यूल और अन्य वस्तुओं की उच्च लागत के कारण उन्हें लागू नहीं किया जा सका है। इन परियोजनाओं के अगले वित्तीय वर्ष में क्रियान्वित होने की संभावना है।

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