चतरा : चतरा जिले के नावाडीह स्थित मोरशेरवा पहाड़ी पर बुधवार को एक महत्वपूर्ण खोज हुई, जब निर्माण कार्य के दौरान एक प्राचीन देवी प्रतिमा और एक पीतल का घंटा मिला। यह खोज उस समय हुई जब पहाड़ी पर यज्ञ मंडप निर्माण के लिए सफाई का काम चल रहा था। प्रतिमा मिलने के बाद क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई है, और लोग श्रद्धा भाव से इसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं।
प्राचीन देवी की प्रतिमा और पीतल का घंटा
प्रतिमा चार हाथों वाली है, और इन हाथों में अस्त्र-शस्त्र का चित्रण किया गया है, जो इसे एक शक्तिशाली देवी के रूप में दर्शाता है। इसके साथ ही, पीतल का घंटा भी मिला है, जो इस खोज को और भी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।
नावाडीह के पूर्व मुखिया मेघन दांगी ने बताया कि पहाड़ी पर स्थित नवनिर्मित मां अष्टभुजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ मंडप का निर्माण किया जा रहा था। इस दौरान यह प्रतिमा और घंटा जमीन के नीचे दबे हुए मिले। इसके बाद, ग्रामीणों ने इन्हें पहाड़ी पर स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू कर दी है।
मोरशेरवा पहाड़ी: धार्मिक और पर्यटन स्थल
मोरशेरवा पहाड़ी, जो चतरा जिले के पत्थलगडा, सिमरिया, गिद्धौर और चतरा सदर प्रखंड की सीमाओं में स्थित है, लंबे समय से एक प्रमुख धार्मिक स्थल रहा है। यहां वैवाहिक रस्मों के दौरान लोग मोर चढ़ाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इसके अलावा, सावन सप्तमी के दौरान यहां एक बड़ा मेला आयोजित होता है।
हाल ही में, जिला प्रशासन ने मोरशेरवा पहाड़ी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया है। इस पहाड़ी पर पूजा अर्चना के साक्ष्य प्राचीन समय से मिलते आए हैं, और अब इसे पुरातात्विक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।