Home » Anemia : एनीमिया क्या है, क्या हैं इसके लक्षण? कैसे कर सकते हैं बचाव

Anemia : एनीमिया क्या है, क्या हैं इसके लक्षण? कैसे कर सकते हैं बचाव

by Rakesh Pandey
Anemia
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

हेल्थ डेस्क: एनीमिया (Anemia) यानि रक्ताल्पता। रक्त की कमी। एनीमिया (Anemia) में शरीर लाल रक्‍त कोशिकाओं की कमी या खराब लाल रक्‍त कोशिकाओं के कारण होता है। शरीर में आयरन (लौह तत्व) की कमी का होना भी एनीमिया (Anemia) का एक प्रमुख कारण हैं। इसके कारण शरीर के अंगों में ऑक्‍सीजन पहुंचना कम हो जाता है। जिसके कारण एनिमिक होने पर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

कमजोरी महसूस हो तो कराएं जांच

एनीमिया कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन एनिमिक बने रहने से कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। शारीरिक कमजारी से कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। आमतौर पर यह उपचार योग्य होती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की कमजोरी या लक्षण महसूस होने पर महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से जांच कराने की सलाह दी जाती है। इसके लिए पैथोलॉजिकल परीक्षणों या इमेजिंग की आवश्यकता भी होती है।

क्या हैं एनीमिया के लक्षण (Anemia)

डॉक्टरों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार यदि किसी भी महिला को नीचे लिखे लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत चिकत्सकीय परामर्श तथा उपचार किया जाना चाहिए। एनीमिया के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
थकान, त्‍वचा का पीलापन, सांस फूलना, सिर घूमना, चक्‍कर आना, या दिल की तेज़ धड़कन आदि।

एनीमिया(Anemia) के प्रकार

1.अप्लास्टिक एनीमिया: यह तब होता है जब आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का उत्पादन नहीं कर पाता है।

2.आयरन डिफ़िशिएंसी एनीमिया: यह एनीमिया शरीर में अपर्याप्त आयरन की उपस्थिति के कारण होता है। इसका मुख्य कारण आहार में आयरन की कम मात्रा, अधिक रक्तस्राव, या आयरन के बढ़ते नुकसान होते हैं।

3.सिकल सेल एनीमिया: यह एक आनुवांशिक एनीमिया है और माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित हो सकता है। इस में लाल रक्त कोशिकाएं अपनी संरचना और ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता खो देती हैं।

4.थैलेसीमिया – यह भी एक वंशानुगत स्थिति है, इसमें रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर कम होता है।

5.विटामिन डिफ़िशिएंसी एनीमिया: इसका मुख्य कारण शरीर में अपर्याप्त विटामिन बी 12 या फोलेट होता है, ये विटामिन आरबीसी के निर्माण में आवश्यक होते हैं।

एनीमिया (Anemia) से बचाव के तरीके

एनीमिया के उपचार से पहले डॉक्टर विभिन्न महिलाओं में एनीमिया होने के मूल कारणों को जानने पर जोर देते हैं। चूंकि लोगों में भिन्न कारणों से एनीमिया के लक्षण पाए जाने की संभावना होती हैं अतः उचित दिशा में इलाज करने हेतु मूल कारणों का पता लगाना आवश्यक हैं।

इलाज के कुछ प्रमुख तरीके:

1.आयरन की कमी को पूरा करने वाले पदार्थ इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
2.विटामिन बी की खुराक लेकर विटामिन के कम स्तर को ठीक किया जा सकता है।

3.खून की कमी के लिए खून चढ़ाया जा सकता है।

4. यदि शरीर में खून कम बन रहा हो, तो खून बनाने में मदद करने वाली दवाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं।

कितने समय में हो सकता है ठीक(Anemia)

आमतौर पर एनीमिया ठीक होना उसके लक्षण तथा एनीमिया होने के स्तर की गंभीरता पर निर्भर करता हैं, परंतु उचित इलाज, खानपान तथा देखरेख से यह पूर्ण रुप से छह से नौ महीनों में ठीक हो जाता हैं।

भारत में एनीमिया (Anemia) मरीजों की व्यापकता

भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों की माने तो एनीमिया पुरुषों में 15 से 49 आयु समूह के बीच 25 प्रतिशत पाया जाता हैं।
वहीं इसी आयु समूह 15 से 49 आयु समूह के बीच एनीमिया 57 प्रतिशत लोगों को हर साल प्रभावित करता हैं। चूंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया वृहद स्तर पर पाया जाता हैं इसके कुछ मुख्य कारक हैं।

1.महिलाओं में गर्भावस्था के समय खून की कमी होने के कारण एनीमिया होने का खतरा अधिक होता है।

2.वृद्धावस्था में क्रॉनिक बीमारियों का ख़तरा अधिक हो जाता है जो आगे चलकर एनीमिया का कारण बन सकता है।

3.कभी-कभी जेनेटिक्स भी एनीमिया होने का कारण बन सकते हैं, इसके कारण कुछ लोगों में जन्म के समय ही एनीमिया हो सकता है।

READ ALSO : JN.1 : सावधान! भारत में मिला कोरोना का नया JN.1 वेरिएंट, जानें इसके लक्षण

Related Articles