- केंद्र सरकार ने दिया समर्थन, फिर भी उपायों में देरी
नई दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारों पर महिला सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने में असफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराने के बावजूद दोनों राज्य सरकारें महिला सुरक्षा के अहम कार्यक्रमों को सही तरीके से क्रियान्वित करने में नाकाम रहीं।
‘वन-स्टॉप सेंटर’ कर्मचारियों को वेतन न देने का आरोप
अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने ‘निर्भया कोष’ के तहत बनाए गए ‘वन-स्टॉप सेंटर’ (ओएससी) के कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को ओएससी कर्मचारियों के बकाया वेतन के निपटान और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
पश्चिम बंगाल पर त्वरित अदालतों के संचालन में विफलता का आरोप
मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत मामलों को तेजी से निपटाने के लिए आवश्यक त्वरित अदालतों की स्थापना नहीं की है। उन्होंने कहा, “महिला सुरक्षा पर राज्यों की धीमी कार्रवाई बेहद निराशाजनक है।”
देशभर में 802 ‘वन-स्टॉप सेंटर’ का संचालन
केंद्र सरकार द्वारा महिला सुरक्षा पर किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि देशभर में 802 वन-स्टॉप सेंटर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से अब तक 10 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण पर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक ऐतिहासिक कदम बताया। यह अधिनियम संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करता है।