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अर्का जैन विश्वविद्यालय : छात्रों को अपने जीवन में कृतज्ञता की भावना अपनाने की जरूरत : रामपाल नेहरा

by Rakesh Pandey
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– विश्वविद्यालय में बीटेक के नवनामांकित छात्रों के लिए महत्वपूर्ण पहल, 30 दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम व ब्रिज कोर्स आरंभ

जमशेदपुर : Arka jain vishwavidyalay :  अर्का जैन विश्वविद्यालय में गुरुवार को बीटेक (सत्र 2024-28) के नवनामांकित छात्र-छात्राओं के लिए 30-दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम आगामी 21 सितंबर तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और सामाजिक माहौल में सहजता से ढालने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के नियमों, शैक्षणिक प्रक्रियाओं, और संसाधनों से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे अपने चार साल के इस शैक्षणिक सफर में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि टाटा कमिंस कके प्लांट मैनेजर रामपाल नेहरा एवं विशिष्ट अतिथि टेलब्रोस ग्रुप के निदेशक राजीव तलवार व टाटा मोटर्स के जीएम (ईआरसीजे) जिवराज सिंह संधु थे। मुख्य अतिथि श्री नेहरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने सैद्धांतिक ज्ञान का उपयोग करके समाज की व्यावहारिक समस्याओं को सुलझाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने “सेंस ऑफ ग्रैटिट्यूड” यानी कृतज्ञता की भावना को भी जीवन में अपनाने का सुझाव दिया।

विशिष्ट अतिथि राजीव तलवारने ने कहा की प्रत्येक छात्र अपने आप में अद्वितीय है और उनमें से प्रत्येक में समाज के लिए कुछ अच्छा करने की क्षमता है। उन्होंने कड़ी मेहनत, विनम्रता, और दृढ़ता के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह गुण जीवन में सफल होने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। श्री संधु ने छात्रों के जीवन में आने वाली चुनौतियों और उन चुनौतियों का जीवन में सामना व समन्वय करने की जानकारी दी।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के सहायक डीन डॉ. अश्विनी कुमार ने उद्घाटन भाषण किया। इस दौरान उन्होंने अनुशासन और समय की पाबंदी के महत्व पर बल दिया। डॉ. अश्विनी ने कहा कि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए अनुशासन और समय की पाबंदी अनिवार्य गुण हैं।

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जित करना ही नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।
इस 30 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक, सांस्कृतिक, और व्यक्तित्व विकास संबंधी गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलेगा।

इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को उनकी क्षमताओं को पहचानने और उन्हें निखारने में मदद मिलेगी। साथ ही कार्यक्रम के दौरान छात्रों को विभिन्न उद्योगों के दौरे, विशेषज्ञों के साथ संवाद और कार्यशालाओं में हिस्सा लेने का अवसर भी मिलेगा। इससे उन्हें केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि उद्योग के मौजूदा रुझानों और आवश्यकताओं को भी समझने में सहायक साबित होगा।

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