सेंट्रल डेस्क/ Arunachal Tunnel : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अरुणाचल प्रदेश का एक दिवसीय दौरा करेंगे। इस दौरान वह सेला सुरंग सहित कई विकास परियोजना का उद्घाटन करेंगे। सेला सुरंग से चीन की सीमा से लगे तवांग तक हर मौसम में कनेक्टिविट’ सुविधा मिलेगी। यह सुरंग चीन-भारत सीमा पर अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों, हथियारों और मशीनरी की शीघ्र तैनाती कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी।
Arunachal Tunnel : 700 करोड़ लागत, रोजाना गुजर सकेंगी 4000 हज़ार गाड़ियां
प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2019 में इस परियोजना की नींव रखी थी, जिसकी लागत 697 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसे तीन साल में बन जाना था। लेकिन कोविड, बर्फबारी व भूस्खलन की वजह से प्रोजेक्ट अब जाकर पूरा हुआ है। 13 हज़ार फुट की ऊंचाई पर बनी यह सुरंग तवांग को देश के दूसरे हिस्से से जोड़ती है।
इससे तवांग तक पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे समय कम लगेगा और दूरी भी 6 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट में दो सुरंग बनाई गई है। पहली सुरंग 1003 मीटर लंबी है जबकि दूसरी की लंबाई 1 हजार 595 मीटर है। 700 करोड़ में बनी इस सुरंग से रोजाना 4000 हज़ार गाड़ियां गुजर सकेगी।
सुरक्षित है सुरंग, बनाए गए हैं रेस्क्यू गेट
इस Sela Tunnel को सीमा सड़क संगठन ने देसी और आधुनिक तरीके बनाया है। दुनिया मे इस ऊंचाई पर शायद ही कोई दूसरा सुरंग हो। सुरंग के अंदर सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था है। अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो रेस्क्यू करने के लिए बीच मे गेट बनाए गए हैं। सुरंग के बनने से लोकल लोगों का सामाजिक आर्थिक विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सबसे बड़ी बात सुरक्षा की जरूरतों के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है।
हर तरह के मौसम में उपयोगी है Sela Tunnel
इस जगह पर भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और बर्फबारी होती है। जिसके चलते बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग लंबे समय तक बंद हो जाता है। यह सुरंग हर मौसम में उपयोगी है। पहले तवांग जाने के यात्रियों को 13 हजार फुट की ऊंचाई पर भयंकर बर्फबारी के बीच जाना पड़ता था। आए दिन यहां जाम भी लगा रहता था।
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