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Atul Subhash Case Update: निकिता सिंघानिया की गिरफ्तारी, गुड़गांव में 40,000 रुपये किराये वाले पीजी में रह रही थीं

निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के अन्य सदस्य, सास और साले को गिरफ्तार कर लिया गया है और तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या से जुड़ा मामला दिन-ब-दिन जटिल होता जा रहा है। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में फरार चल रहे चार आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी सास निशा सिंघानिया और साला अनुराग सिंघानिया शामिल हैं, जबकि चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया अभी भी फरार है। इस मामले में सामने आई नई जानकारी ने घटनाक्रम को और पेचीदा बना दिया है।

निकिता सिंघानिया की गिरफ्तारी

बेंगलुरु पुलिस ने गत शनिवार को गुरुग्राम से निकिता सिंघानिया को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी मोबाइल लोकेशन के आधार पर की। निकिता, जो एक आईटी कंपनी में वरिष्ठ एआई इंजीनियरिंग सलाहकार के पद पर कार्यरत थीं, सेक्टर-57 के एक पीजी में किराए पर रह रही थीं। सूत्रों के मुताबिक, निकिता 8 दिसंबर को अपना पीजी बदलने का इरादा रखती थीं और इसके लिए उन्होंने किराए के पैसे और पुलिस वेरिफिकेशन के दस्तावेज भी जमा कर दिए थे।

पीजी बदलने से पहले ही गिरफ्तारी

बेंगलुरु पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम में उनके पीजी बदलने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, 8 दिसंबर को निकिता एक नए, अधिक महंगे पीजी में शिफ्ट होने वाली थीं, जिसकी कीमत करीब 40,000 रुपये महीने थी। इसके लिए उन्होंने पहले ही कुछ राशि ऑनलाइन जमा की थी और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अपने दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। पुलिस के अनुसार, 9 या 10 दिसंबर को उनका शिफ्ट होना था, लेकिन उसी दौरान 9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली और वह दूसरे पीजी में शिफ्ट नहीं हो सकीं।

40 हजार रुपये किराए वाले पीजी में शिफ्ट होने की योजना


निकिता 8 दिसंबर को हांगकांग बाजार के पास स्थित एक लग्जरी पीजी में पहुंची थीं। पीजी के केयरटेकर सूरज के अनुसार, निकिता ने पीजी में एक कमरा लिया था और किराए के लिए कुछ राशि जमा की थी। 9 दिसंबर को उसने अपने दस्तावेज पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजे थे, लेकिन बाद में यह पाया गया कि वह इस पीजी में शिफ्ट नहीं हो पाईं। जानकारी के अनुसार, निकिता ने 9 दिसंबर से एक महीने का किराया चुका दिया था और अपना नाम भी रजिस्टर कराया था, लेकिन वह वहां कभी नहीं रहीं। सूत्रों के मुताबिक, उसने केवल अपना केवाईसी कराया और फिर वहां से चली गईं।

14 दिनों की न्यायिक हिरासत

निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के अन्य सदस्य, सास और साले को गिरफ्तार कर लिया गया है और तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब पुलिस इन आरोपियों से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ करने की योजना बना रही है। पुलिस ने आरोपियों से उन सभी मामलों पर सवाल उठाने की तैयारी की है, जिनमें अतुल सुभाष ने आरोप लगाए थे और जो उनके आत्महत्या के कारण बन सकते थे।

पवन मोदी का पोते के लिए प्रयास

अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी अब अपने पोते की तलाश में हैं। घटना के बाद से ही वह अपने पोते को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। पवन मोदी ने बेंगलुरु पुलिस से फोन पर बातचीत की और निकिता और उनके परिवार की गिरफ्तारी के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि उनकी बहु तो गिरफ्तार हो गई, लेकिन उनका प्यारा पोता कहां है? पवन मोदी ने पुलिस से आग्रह किया कि वे निकिता से उनके पोते के बारे में पूछताछ करें और पता लगाएं कि वह कहां है और उसकी स्थिति क्या है।

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