सेट्रल डेस्कः 11 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत पारंपरिक भोजपुरी ‘गीत-गवई’ से हुआ। यह स्वागत केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्तों का प्रतीक था। भोजपुरी भाषा, जो भारत के पूर्वांचल और बिहार की मिट्टी से उपजी है, आज हिंद महासागर में बसे इस छोटे से द्वीप राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस दौरा और भोजपुरी के माध्यम से उनका स्वागत इस बात का प्रमाण है कि सॉफ्ट पॉलिटिक्स में सांस्कृतिक तत्व कितने प्रभावशाली हो सकते हैं। इस दौरे के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने आकाशवाणी पर पहली बार भोजपुरी में इंटरव्यू देकर एक नया इतिहास रचा।
यह कदम न केवल भोजपुरी भाषा के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि भारत सरकार की उस सोच को भी रेखांकित करता है जो क्षेत्रीय भाषाओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। समूचा भोजपुरिया समाज इस पहल के लिए श्री जयसवाल का अभिनंदन करता है, क्योंकि यह भोजपुरी की सांस्कृतिक शक्ति को मान्यता देने का एक ठोस कदम है।