सेंट्रल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव के बाद अब पाकिस्तान ने शांति की पेशकश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि वे भारत के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक जबरदस्त सैन्य तनाव की स्थिति बनी रही।
शहबाज शरीफ ने यह बयान पाकिस्तान के पंजाब स्थित कामरा एयरबेस के दौरे के दौरान दिया। इस दौरान उनके साथ उप प्रधानमंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पाकिस्तान एयरफोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू भी मौजूद थे।
शरीफ ने कहा, “हम भारत के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें कश्मीर मुद्दा भी शामिल होना चाहिए।” उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति का पक्षधर है और बातचीत के जरिये समस्याओं का हल चाहता है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने एक बड़ा आतंकी हमला किया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सैन्य कार्रवाई का निर्णय लिया।
इसके बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान- अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी ठिकानों पर भीषण बमबारी की। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। यह भारतीय सेना की अब तक की सबसे निर्णायक और तेज़तर्रार कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: ड्रोन और मिसाइल से हमला
भारतीय कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की। हालांकि, भारत के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और किसी भी बड़े नुकसान को होने से रोका।
सीजफायर की घोषणा
चार दिनों तक चले इस सैन्य तनाव के बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने आधिकारिक रूप से सीजफायर का एलान कर दिया। इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।
क्या शांति वार्ता संभव है?
विश्लेषकों का मानना है कि शहबाज शरीफ की शांति वार्ता की पेशकश भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई के बाद आई है। हालांकि भारत की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत की नीति रही है कि जब तक आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है।
सैन्य शक्ति के बाद कूटनीतिक पहल
भारत ने पहलगाम हमले का जवाब सैन्य तरीके से दिया, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बना। अब पाकिस्तान शांति की पेशकश कर रहा है, लेकिन भारत की ओर से यह स्पष्ट है कि किसी भी प्रकार की वार्ता तभी संभव होगी जब सीमा पार से आतंकवाद को रोका जाएगा और विश्वास बहाली के ठोस कदम उठाए जाएंगे।