पटना : बिहार सरकार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 17 जुलाई को अपना वीआरएस आवेदन सरकार को सौंपा है, जो अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास अंतिम स्वीकृति के लिए विचाराधीन है।
नवंबर 2025 में होने वाली थी सेवानिवृत्ति
यदि मुख्यमंत्री द्वारा वीआरएस को मंजूरी नहीं दी जाती है, तो एस. सिद्धार्थ को 30 नवंबर 2025 तक सेवा में बने रहना होगा या फिर उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) की शरण लेनी पड़ सकती है।
JDU से चुनावी पारी की अटकलें
एस सिद्धार्थ के इस्तीफे के साथ ही उनके राजनीति में उतरने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, वे जेडीयू (JDU) के टिकट पर नवादा विधानसभा सीट से आगामी चुनाव लड़ सकते हैं। हाल ही में उन्होंने नवादा का दौरा किया था और वहां लिट्टी बनाते नजर आए थे, जिससे उनकी जनसंपर्क रणनीति भी सामने आई।
केके पाठक के कई फैसले किए थे रद्द
एसीएस बनने के बाद एस सिद्धार्थ ने तत्कालीन शिक्षा अधिकारी केके पाठक के कई बड़े फैसलों को पलट दिया था…
- छात्रों के नाम काटने की प्रक्रिया में बदलाव
- स्कूल निगरानी की जिम्मेदारी DDC को
- विश्वविद्यालयों के फ्रीज खातों से रोक हटाना
- स्कूल टाइमिंग तय करने का अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी को
- निरीक्षण रिपोर्ट का क्रॉस-वेरिफिकेशन अनिवार्य
जमीन से जुड़ाव के लिए प्रसिद्ध हैं एस सिद्धार्थ
डॉ. एस सिद्धार्थ की कार्यशैली ने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया था। वे स्कूलों में अचानक निरीक्षण करते, बच्चों की कॉपियां चेक करते, यात्रियों से संवाद करते और आम जनता से सीधा संवाद करने के लिए चाय की दुकानों पर रुकते थे। यही नहीं, वे खुद लिट्टी-चोखा बनाकर लोगों से घुल-मिल जाते थे।
पायलट और फोटोग्राफर भी हैं
1991 बैच के IAS अधिकारी एस सिद्धार्थ एक प्रशिक्षित पायलट और शौकिया फोटोग्राफर भी हैं। 5 अक्टूबर 2023 को उन्होंने पहली बार अकेले विमान उड़ाया था। उन्होंने बताया था कि यह उनका बचपन का सपना था।