बिहार के भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के ढहने की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। उधर, अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने पर बिहार के मंत्री तेजप्रताप यादव कहते हैं कि पुल को भाजपा ने ध्वस्त कर दिया है। हम पुल बना रहे हैं और वे इसे गिरा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने पुल के डिजाइन की कमियों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पुल रविवार की शाम ढहा, वही पुल 2022 में भी टूटा था। मैंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसका निर्माण सही ढंग से नहीं हो रहा है, जिससे यह बार-बार गिर रहा है। विभाग इसे देखेगा और कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष ने नीतीश-तेजस्वी सरकार पर जमकर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला ने इसे भ्रष्टाचार का पुल बताया, जबकि सुल्तानगंज से जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि पुल का उद्घाटन इस साल के अंत में नवंबर-दिसंबर तक हो जाएगा। इसकी जांच होनी चाहिए।
भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पुल गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख बंद न कर सभी पुल की सुरक्षा जांच कराएं।
वहीं, बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीयत में जब खोट होगा तो नीति कैसे सफल होगी। एक बार सुलतानगंज के तरफ पुल गिरा था और आज खगड़िया की ओर गिरा है। कई पुल पुर्णिया में भी गिरे हैं, बिहार के अंदर यह कमीशनखोरी की प्रथा गुणवत्ता विहीन काम चरम पर है। जिसकी छवि दिखाई दे रही है।